दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की 3 घंटे चली बैठक खत्म, सोनिया गांधी ने खुद को बताया फुल टाइम अध्यक्ष

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के निष्कर्ष  दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की 3 घंटे चली बैठक खत्म, सोनिया गांधी ने खुद को बताया फुल टाइम अध्यक्ष

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। सितंबर 2022 में होगा नए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव। गुलाब नबी आजाद ने कहा सोनिया गांधी पर पूरा भरोसा है, कोई भी नेता उनके नेतृत्व पर सवाल नहीं उठा सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने  2022 के आगामी विधानसभा चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा, "हमारे सामने कई चुनौतियां आएंगी, लेकिन अगर हम एकजुट रहते एवं अनुशासित रहते हैं और सिर्फ पार्टी के हित पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि हम अच्छा करेंगे। सोनिया गांधी ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं। एकजुटता के लिए आत्मनियंत्रण और अनुशासन की जरूरत है।

 

 कांग्रेस की वर्किंग कमेटी से ये बात निकलकर सामने आ रही है कि सोनिया गांधी ने अपने आपको पार्टी का स्थायी अध्यक्ष बताया। उन्होंने ऐसे संकेत दे दिए है। अंदरूनी रूप से कांग्रेस पार्टी के भीतर काफी समय से पार्टी से जुड़े मसलों औऱ फैसलों को लेकर चर्चा के लिए बैठक बुलाने की मांग उठ रही थी ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने अब इस बैठक को बुलाने का फैसला किया है। बैठक कांग्रेस की राज्य इकाइयों  में हो रही उथल पुथल के बीच बुलाई है। राज्य पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कुछ समय से हंगामा जारी है,  आज शनिवार को हो रही कोर कमेटी की बैठक में इन हंगामो पर विचार हो सकता है। बैठक आज सुबह 10 बजे से शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि बैठक में कांग्रेस आलाकमान संगठनात्मक चुनाव, आगामी विधानसभा चुनाव,  लखीमपुर खीरी हिंसा, किसान आंदोलन और महंगाई जैसे मुद्दों पर विचार कर आगे की रणनीति बनाएंगी। 

बैठक का मुख्य फोकस आगामी राज्य विधानसभा चुनाव और देश की वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य होगा। 2022 में होने जा रहे विस चुनाव को लेकर रणनीति भी बनाई जा सकती है। मीटिंग में लखीमपुर हिंसा, महंगाई, किसान आंदोलन और देश की आर्थिक स्थिति, चीन की घुसपैठ जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। बैठक में पिछले चुनावों में मिली हार और दल बदल को लेकर पार्टी के अंदर उठने वाली सोच पर भी सुनवाई हो सकती है। इसके अलावा असम और केरल की हार, बंगाल चुनाव में पार्टी की हार के कारणों पर चर्चा होगी।  

कांग्रेस नेताओं का जी-23 समूह कई दिनों से वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की मांग कर रहा था। कांग्रेस पार्टी के आलाकमान को कपिल सिब्बल के उस बयान ने चौंका दिया था। जो उन्होंने पंजाब में जारी घमासान के बीच दिया था। पिछले महीने पंजाब में जारी घमासान के बीच कपिल सिब्बल ने आश्चर्य जताते हुए कहा था कि पूर्णकालिक अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कांग्रेस में फैसले कौन ले रहा है? उन्होंने दावा किया था कि  जी-23 नेताओं का समूह "जी हुजूर 23 नहीं है। उनके इस बयान के बाद सिब्बल के घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन तोड़फोड़ और आगजनी की थी।  इसकी अगली कड़ी में राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर शीघ्र वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की मांग की।  

इससे पहले पार्टी ने 22 जनवरी को हुई वर्किंग कमेटी की बैठक में तय किया था कि कांग्रेस के अगले अध्यक्ष पर जून 2021 के बाद फैसला किया जाएगा। लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस प्रस्ताव को मई में टाल दिया गया। बैठक के दौरान, पार्टी नेतृत्व के नए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के समय पर फैसला होने की भी संभावना है। 2019 लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने 2019 में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अगस्त 2019 में सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी । कई दिनों से पार्टी में स्थाई अध्यक्ष की मांग उठ रही है। आज सोनिया गाँधी ने अपने को ही फुल टाइम अध्यक्ष रहने के संकेत दे दिए है।  

 

Created On :   16 Oct 2021 6:36 AM GMT

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