वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए आयोग का सुझाव कोयला-लकड़ी ना जलाएं

Commissions suggestion for air pollution control Do not burn coal-wood
वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए आयोग का सुझाव कोयला-लकड़ी ना जलाएं
एनसीआर वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए आयोग का सुझाव कोयला-लकड़ी ना जलाएं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार से संबंधित राज्य सरकारों से अन्य सुझावों के साथ-साथ होटलों और खुले भोजनालयों में कोयले/जलाऊ लकड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाने को कहा है, ताकि क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रण में रखा जा सके। दिल्ली-एनसीआर और उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में सालाना वायु प्रदूषण का मौसम पहले ही शुरू हो चुका है। पंजाब और हरियाणा में खेतों में कृषि-कचरे (पराली) जलाए जाने से क्षेत्र में हर साल वायु प्रदूषण बढ़ता है।

सीएक्यूएम की उप-समिति ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत मौसम संबंधी स्थितियों और कार्यो पर विचार-विमर्श करने के बाद कहा, वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी रहने पर कार्रवाई के अलावा बहुत खराब श्रेणी वाले इलाकों में कार्रवाई शुक्रवार से शुरू होनी चाहिए, हालांकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) संतोषजनक से लेकर मध्यम श्रेणी तक रहने की उम्मीद है। एक अधिकारी ने कहा, जीआरएपी के संचालन के लिए वायु आयोग की उप-समिति की यह पहली बैठक थी, जो 12 अक्टूबर को हुई थी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव प्रशांत गर्गव इस उप-समिति के अध्यक्ष हैं। गर्गव ने कहा, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वैज्ञानिक वी.के. सोनी मौसम संबंधी पूवार्नुमान पर उनके इनपुट के लिए विशेष आमंत्रित थे, जो सूचित निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण हैं। बैठक में बताया गया कि 17 और 18 अक्टूबर को हल्की बारिश की संभावना है, जिससे अगले 4-5 दिनों तक एक्यूआई मध्यम या संतोषजनक श्रेणी में रहने की संभावना है। वायु आयोग के अन्य सुझावों में बस और मेट्रो संचालन की आवृत्ति बढ़ाना, ताकि सड़कों पर कार व ऑटो की संख्या घटे। साथ ही, लैंडफिल और अन्य स्थानों पर कचरा जलाने पर रोक का सख्ती से पालन करना और जिम्मेदार व्यक्ति पर भारी जुर्माना लगाना, उद्योगों और बिजली संयंत्रों में सभी प्रदूषण नियंत्रण नियमों को सख्ती से लागू करना और यह सुनिश्चित करना कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में सभी ईंट-भट्ठे बंद रहेंगे।

उप-समिति ने यह भी सुझाव दिया कि भारी यातायात और धूल वाली सड़कों पर समय-समय पर मशीनीकृत स्वीपिंग और/या पानी का छिड़काव सुनिश्चित किया जाए, जांच के तहत प्रदूषण (पीयूसी) मानदंडों की सख्त सतर्कता और प्रवर्तन, निर्माण गतिविधियों में धूल नियंत्रण व गैर-अनुपालन स्थलों को बंद करने के लिए कड़े प्रवर्तन नियम और चिन्हित संवेदनशील क्षेत्रों में सुचारु यातायात प्रवाह के लिए यातायात पुलिस की तैनाती।

(आईएएनएस)

 

Created On :   14 Oct 2021 10:30 PM IST

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