69 हजार करोड़ रुपये बढ़ा भारत का रक्षा बजट, चीन के बजट से अब भी है इतना पीछे, जानिए चीन का रक्षा बजट ज्यादा क्यों और भारत का कम क्यों?
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- रक्षा के इन क्षेत्रों में होंगे पैसे खर्च
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बुधवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने रक्षा क्षेत्र के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए। वहीं पिछले साल देश का रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहा था। यानी इस बार के रक्षा बजट में करीब 69 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। असल में जिस देश की सीमाएं ज्यादा देशों के साथ लगती है, उन्हें रक्षा बजट में खूब सारे पैसे लगाने की जरूरत होती है।
भारत की सीमाएं सात देशों के साथ लगती है। वहीं चीन 14 देशों के साथ और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान 4 चार देशो के साथ सीमाएं साझा करती है। इसके अलावा अफगानिस्तान छह देशों के साथ सीमांए साझा करती है, लेकिन अभी वहां कि स्थिति काफी डांवाडोल है। फिलहाल अफगानिस्तान में तालिबान शासन है, इसलिए वहां पर न तो सेना का पता है और न ही बजट का।
पड़ोसी मुल्क से कहीं बेहतर भारत
पिछली बार भारत सरकार का रक्षा बजट करीब 405 करोड़ रुपये का था। वहीं चीन का पिछला रक्षा बजट करीब 19 लाख करोड़ रुपये का था। यानी भारत के वर्तमान रक्षा बजट से करीब तीन गुणा ज्यादा। वहीं पाकिस्तान के रक्षा बजट की बात करें तो वह पिछले साल करीब 61 हजार करोड़ रूपए का था। भारत का एक और पड़ोसी देश बांग्लादेश का पिछला रक्षा बजट 31 हजार करोड़ रुपये था।
श्रीलंका का रक्षा बजट करीब 9 हजार करोड़ रुपये का है और नेपाल का 3579 करोड़ रुपये का था। नेपाल और अफगानिस्तान की सीमाएं चारों और जमीन से घिरी हुई है। इसलिए इन्हें नौ सेना पर पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती है। चीन की सीमाएं 14 देशों के साथ लगती है और ज्यादातर देशों से उनका विवाद रहता है। इन वजहों से उन्हें सुरक्षा में बहुत सारा पैसे खर्च करना पड़ता है।
रक्षा के इन क्षेत्रों में होंगे पैसे खर्च
इस बार रक्षा मंत्रालय को 5.94 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इनमें थलसेना, वायुसेना और नौसेना पर 2.70 लाख करोड़ रूपये खर्च किए जाने हैं। इसके अलावा हथियारों और विमानों की खरीद के लिए 1.62 लाख रुपये खर्च किए जाने हैं।
Created On :   1 Feb 2023 5:15 PM IST