चार दिन में ये 5 बड़े फैसले सुनाएंगे चीफ जस्टिस गोगोई, 17 नवंबर को होंगे सेवानिवृत्त
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डिजिटल डेस्क, दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सीजेआई को इससे पहले अपने अंतिम चार कार्यदिवस में पांच बड़े फैसले सुनाने हैं। जिनमें अयोध्या राम मंदिर विवाद, सबरीमाला मंदिर विवाद, राफेल लड़ाकू विमान सौदा, राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना और भारत के प्रधान न्यायाधीश के दफ्तर में सूचना का अधिकार लागू होने का मुद्दा शामिल है।
सीजेआई के सेवानिवृत्त होने में अभी 11 दिन शेष हैं। कोर्ट की सूची के मुताबिक गुरुवार को इनमें से किसी भी मामले में फैसला नहीं आ रहा है। ऐसे में इन मुकदमों के फैसले के लिए मात्र चार कार्यदिवस बचे हैं। हालांकि ये अनिवार्य नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश या मुख्य न्यायाधीश कार्यदिवस पर ही मुकदमों की सुनवाई करें या फैसला सुनाएं।
ये हैं पांच बड़े फैसले
पहला अहम फैसला- अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद
देश के सबसे बड़े मुद्दों में से एक अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद पर मालिकाना हक के मुकदमें में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले पर 40 दिनों तक लगातार सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया है। जिस आने वाले चार दिनों में कभी भी सुनाया जा सकता है। इस फैसले से पहले देश भर में लोगों से शांति की अपील की गई है। बता दें कि ये मामला लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़ा है।
दूसरा अहम फैसला- सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश
सुप्रीम कोर्ट ने बीते वर्ष 28 सितंबर को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी को लिंग आधारित भेदभाव ठहराते हुए रद्द कर दिया था। महिलाओं पर यह पाबंदी उनके मासिक धर्म के कारण थी। फैसला 4-1 के बहुमत से था। फैसले के खिलाफ कुल 55 पुनर्विचार याचिकाओं सहित कुल 65 याचिकाएं कोर्ट में हैं। जस्टिस इंदू मल्होत्रा ने बहुमत से असहमति जताई थी। इस फैसले का अयैप्पा अनुयायी भारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि मंदिर के भगवान अयैप्पा ब्रम्हचारी हैं और इस आयु की महिलाओं के प्रवेश से मंदिर की प्रकृति बदल जाएगी।
तीसरा अहम फैसला- राफेल सौदा फैसले पर पुनर्विचार
लोकसभा चुनाव के वक्त बड़ा मुद्दा बने राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर भी फैसला आना है। कोर्ट ने 36 राफेल विमानों की खरीद के सौदे की कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग खारिज कर दी थी जिसे भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर चुनौती दी है। इसके अलावा ट्रिब्युनल एंड फाइनेंस एक्ट को चुनौती देने के मामले मे भी फैसला आना है।
चौथा अहम फैसला- राहुल को माफी पर आना है फैसला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के चौकीदार चोर है बयान पर उनके खिलाफ लंबित अवमानना मामले में उन्हें माफी दिये जाने पर फैसला आना है। इस मामले में भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कोर्ट का हवाला देकर "चौकीदार चोर है" बयान के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को माफी न दिये जाने की अपील करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि माफी काफी नहीं है, राहुल गांधी को सजा मिलनी चाहिए। राहुल गांधी ने कोर्ट से माफी स्वीकार कर अवमानना का केस बंद किये जाने की गुहार लगाई थी।
पांचवा अहम फैसला- सीजेआइ के ऑफिस में आरटीआई
दूसरा अहम फैसला इस मुद्दे पर आना है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) का दफ्तर सूचना कानून के दायरे में आएगा कि नहीं। इस मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि किसी भी व्यवस्था को अपारदर्शी बनाए रखने का पक्षधर नहीं है लेकिन एक संतुलन कायम करने और रेखा खींचने की जरूरत है। इस पर सीआइसी ने कहा था कि मुख्य न्यायाधीश का दफ्तर पब्लिक अथारिटी माना जाएगा और सूचना का अधिकार कानून उस पर लागू होगा।
Created On :   7 Nov 2019 8:00 AM IST