चंद्रयान-3 के साल 2020 में लॉन्च होने की संभावना, होगा पहले से ज्यादा इकोनॉमिकल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चांद पर अपने दूसरे लैंडर मिशन चंद्रयान-3 को साल 2020 में लॉन्च कर सकता है। यह काफी इकोनॉमिकल भी होगा क्योंकि चंद्रयान-2 मिशन में भेजा गया ऑर्बिटर अभी भी चांद की कक्षा में है, इसलिए चंद्रयान-3 मिशन में केवल लैंडर को चांद पर भेजा जाएगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी दी।
जितेन्द्र सिंह ने कहा, "विक्रम लैंडर के 7 सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में एक हार्ड लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने दूसरे लैंडर मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा "जैसा कि मैंने संसद में पहले ही कहा था कि हमें चंद्रयान-2 को एक झटके के रूप में वर्णित नहीं करना चाहिए क्योंकि पूरी दुनिया की स्पेस टेक्नोलॉजी के इतिहास में, एक भी देश चंद्रमा पर दो से भी कम प्रयासों में सॉफ्ट-लैंडिंग नहीं करा सका है। अमेरिका ने भी इसे 6 या 7 प्रयासों के बाद हासिल किया था।"
गगनयान प्रोग्राम के लिए रूस में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण पर जितेंद्र सिंह ने कहा, "उन्होंने (रूस) प्रशिक्षण के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया है। इसमें से 2/3 उम्मीदवारों का चयन होगा और उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी। प्रशिक्षण की अवधि 18 महीने या दो साल हो सकती है। यह एक व्यक्ति की अनुकूलनशीलता जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है।"
मंत्रालयों के लिए उपग्रहों को लॉन्च करने पर, उन्होंने कहा, "हम गृह मंत्रालय सहित हर सरकारी विभाग के लिए एक अलग उपग्रह लॉन्च करने जा रहे हैं। विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के लिए एक्सट्रा सैटेलाइट एप्लिकेशनों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा।" उन्होंने कहा हम अभी भी विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के लिए उपग्रह सेवाओं का उपयोग करते हैं। हम स्पेस एप्लिकेशनों का उपयोग हाउसिंग, रेलवे, टेली-मेडिसिन, टेली-शिक्षा जैसे क्षेत्रों में कर रहे हैं।
Created On :   31 Dec 2019 11:32 PM IST