Moon Mission: MoS स्पेस जितेंद्र सिंह ने कहा, चंद्रयान-3 का लॉन्च 2021 की शुरुआत में हो सकता है, नहीं होगा ऑर्बिटर
- चंद्रयान-3 का लॉन्च 2021 की शुरुआत में हो सकता है
- MoS स्पेस जितेंद्र सिंह ने रविवार को ये बयान दिया
- चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का रिपीट मिशन होगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। MoS स्पेस जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि चंद्रयान-3 का लॉन्च 2021 की शुरुआत में हो सकता है। चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का रिपीट मिशन होगा। इसमें चंद्रयान-2 जैसा ही एक लैंडर और रोवर शामिल होगा, लेकिन ऑर्बिटर नहीं होगा।
Dr Jitendra Singh said, as for Chandrayaan-3 is concerned, the launch may now take place somewhere in early 2021. Chandrayaan-3 will be a mission repeat of Chandrayaan-2 and will include a Lander Rover similar to that of Chandrayaan-2, but will not have an orbiter: Space Dept
— ANI (@ANI) September 6, 2020
पिछले साल सितंबर में चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग के बाद, अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने इस साल के अंत में चंद्रमा के लिए एक और मिशन की योजना बनाई थी। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की योजना बनाते हुए, चंद्रयान-2 को पिछले साल 22 जुलाई को लॉन्च किया गया था। हालांकि, 7 सितंबर को लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग ने भारत के सपने को पूरा नहीं होने दिया था। इस मिशन में बेजा गया ऑरबिटर अच्छे से काम कर रहा है और डेटा भेज रहा है।
जितेंद्र सिंह ने कहा, "चंद्रमा पर ISRO के पहले मिशन चंद्रयान-1 ने तस्वीरें भेजी हैं, जो बताती हैं कि चंद्रमा के ध्रुवों पर जंग लगा हो सकता है। उन्होंने कहा, "चंद्रमा की सतह पर लौह-युक्त चट्टानें होने की बात मानी जाती है और यहां पानी और ऑक्सीजन की मौजूदगी का पता नहीं चला है। जबकि जंग बनने के लिए लोहे का इन दो तत्वों के संपर्क में आना जरूरी है।"
Images sent by #ISRO mission Chandrayaan-1 indicate possible impact of Earth"s atmosphere on the Moon. World"s leading Space institution NASA takes note of this finding. pic.twitter.com/NkKKHAOuk0
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) September 6, 2020
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि पृथ्वी का पर्यावरण इसमें योगदान दे रहा है, या दूसरे शब्दों में कहें तो इसका अर्थ हुआ कि पृथ्वी का पर्यावरण चंद्रमा की सुरक्षा भी कर सकता है। बयान के अनुसार, "चंद्रयान-1 के डेटा से संकेत मिलता है कि चंद्रमा के ध्रुवों पर पानी है, यही वैज्ञानिक समझने का प्रयास कर रहे हैं।"
Created On :   6 Sept 2020 11:50 PM IST