Monsoon session: विपक्ष के विरोध के बावजूद लोकसभा में कृषि से संबंधित दोनों बिल पास, पीएम ने कहा- किसानों के लिए महत्वपूर्ण क्षण
- तोमर ने कहा
- कांग्रेस इस तरह के सुधारों को हमेशा आपने घोषणापत्र में शामिल करती रही है
- हजारों किसान सड़कों पर हैं
- मैं ऐसी सरकार का हिस्सा नहीं रहना चाहती: हरसिमरत कौर बादल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विपक्ष और सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने गुरुवार को कृषि से संबंधित दोनों बिल लोकसभा से पास करा लिए हैं। मानसून सत्र के चौथे दिन पास किए गए बिल कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक, 2020 और कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 हैं। हालांकि दोनों बिलों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल के कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। वह केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थीं। इससे पहले सरकार ने मंगलवार को आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक को लोकसभा से पारित करवा दिया था। वहीं दोनों बिल पारित होने के बाद पीएम ने ट्वीट कर कहा कि यह किसानों के लिए महत्तवपूर्ण क्षण है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा बजटीय आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि साल 2009-10 में यूपीए सरकार के दौरान कृषि मंत्रालय का बजट 1200 करोड़ रुपये था और अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इसे बढ़ा कर 1,34,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। बिल के फायदे गिनाते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये विधेयक खेती को मुनाफे में लाने वाले, किसानों को आजादी दिलाने वाले हैं। इस विधेयक से किसानों को अपनी उपज किसी भी स्थान से किसी भी व्यक्ति को बेचने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे निजी निवेश गांव तक पहुंचेगा और रोजगार बढ़ेगा। किसान अच्छी फसलों की तरफ आकृषित होगा। कृषि निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
दोनों विधेयक किसान के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। देश तो 1947 में आजाद हुआ लेकिन किसान मंडियों की जंजीरों में बंधा था। आज PM मोदी के नेतृत्व में इन विधेयकों के माध्यम से उन्हें आजादी मिली है : केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर https://t।co/vwSLXBSU89 pic।twitter।com/VKsOxJ2Rwq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 17, 2020
कृषि और किसानों के लिए महत्वपूर्ण क्षण: पीएम
कृषि से जुड़े बिल लोकसभा से पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे। उन्होंने कहा कि इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे। पीएम ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि एमएसपी और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं।
इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे : PM मोदी https://t।co/uAnjPnLD0u
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 17, 2020
विपक्ष ने किया विरोध
बता दें कि केंद्र सरकार के कृषि संबंधी इन तीन विधेयकों का पंजाब-हरियाणा के किसानों समेत कई राज्यों द्वारा विरोध किया जा रहा है। विपक्ष ने भी इन विधेयकों को किसान विरोधी बताया है।
- सांसद सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हम इस बिल का विरोध करते हैं। इससे 20 लाख किसानों पर असर पड़ेगा। आजादी के बाद हर राज्य ने अपनी योजना बनाई। पंजाब की सरकार ने पिछले 50 साल खेती को लेकर कई काम किए। पंजाब में किसान खेती को अपना बच्चा समझता है। पंजाब अपना पानी देशवासी को कुर्बान कर देता है।
- वहीं हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि मैंने देश और पंजाब के किसानों का साथ दिया। जो कई दिनों से सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं। हमारी मांग यही थी कि इस अध्यादेश को लेकर जो शंका है, उसे दूर किया जाए। आज मैं उस सरकार का हिस्सा नहीं होना चाहती, जिसने शंका को दूर किए बिना अध्यादेश पास करने का फैसला किया।
- सपा के एसटी हसन ने कहा कि यह बात कई दिन से सुन रहे हैं कि किसान की आय दोगुनी होगी, लेकिन जब उसके हाथ में कुछ नहीं है तो आमदनी दोगुनी कैसे होगी। हसन ने कहा कि सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन उसे यह भी जवाब देना चाहिए कि किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं।
- जनता दल(यू) के संतोष कुमार ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक को लेकर जो आशंकाएं जताई जा रही हैं वो निराधार हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए यह एक तोहफा है और उनकी तकदीर बदलने वाला है। वहीं, बीजेपी के वी राघवेंद्र ने कहा कि यह विधेयक किसानों को आत्मसम्मान दिलाने वाला साबित होगा।
Created On :   17 Sept 2020 11:02 PM IST