Border Dispute in Ladakh: एलएसी से नहीं हटे चीनी सैनिक, भारत ने भी बढ़ाई सैनिकों की तादात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत की सेनाओं के बीच जारी तनाव को कम करने के लिए डिप्लोमैटिक और मिलिट्री चैनल के जरिए लगातार बातचीत जारी है। बावजूद इसके लाइन ऑफ कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव बरकरार है। इस बीच, 4 हजार किलोमीटर लंबी एलएसी पर चीन ने लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक कई सैन्य ठिकाने बना लिए हैं। ऐसे में भारत ने भी एलएसी पर अपनी सेना की तादात बढ़ा दी है।
चीनी फौज लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक डटी हुई हैं, लिहाजा भारत ने भी इसके जवाब में बड़ी संख्या में अपनी सेना तैनात की है। सीमा विवाद को देखते हुए भारत ने इस इलाके में रिजर्व फौज भी भेजी है। वहीं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में चीन बॉर्डर तक बन रही मुनस्यारी मिलम सड़क के लिए बीआरओ ने वायु सेना के हेलिकॉप्टर से सड़क निर्माण के लिए मशीनें पहुंचाई हैं। चट्टान काटने में आ रही परेशानी के कारण ये कदम उठाया गया।
हिमाचल में तैनात की गई 3 डिविजन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नजदीकी कोर से इन इलाकों में इंफेंट्री के 3 डिविजन और 2 अतिरिक्त ब्रिगेड को तनाव वाले इलाकों में भेजा गया है। हिमाचल प्रदेश में भी अतिरिक्त फौज लगाई गई है। यही हाल उत्तराखंड के सीमाई इलाकों का है जहां गढ़वाल और कुमाउं सेक्टर में फौज की सक्रियता बढ़ा दी गई है।
उत्तराखंड में वायु सेना तैयार, सिक्किम में भी बढ़ाए सैनिक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरहद पर बाराहोती इलाके में चीनी फौज लगातार अपने हेलिकॉप्टर भेज रही है। इससे सीमा पर तनाव बढ़ रहा है। गढ़वाल सेक्टर स्थित भारत की अंतिम चौकी से 30 किमी आगे चीन ने अपनी बड़ा सैन्य ठिकाना बना लिया है। ऐसे में उत्तराखंड के फॉरवर्ड सेक्टर में आर्मी की मदद के लिए चिन्यालिसौर में वायु सेना भी एक्टिव मोड में है। सूत्रों ने बताया कि सिक्किम में चीन के साथ लगती सीमा पर भी भारत ने बड़ी संख्या में सेना लगाई है।
अरुणाचल में लगाई माउंटेन कोर
भारत की ओर से कुछ ऐसी ही तैयारी अरुणाचल प्रदेश में भी है। यहां के ईस्टर्न सेक्टर में माउंटेन स्ट्राइक कोर को किसी भी हालात से निपटने के लिए तैनात कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि अरुणाचल के उस ओर चीन बिना किसी वजह फौज की संख्या बढ़ा रहा है, इसलिए बिना कोई मौका गंवाए भारत भी फौजी गतिविधि में कमी नहीं छोड़ना चाहता।
5 और 6 मई को सैनिकों के बीच हुई थी झड़प
उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में पांच व छह मई को भारत व चीनी सेना के बीच झपड़ हो गई थी। दोनों सेनाओं के बीच पांच मई को तनाव बढ़ा था और छह मई की सुबह तक दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। इस झड़प के दौरान दोनों पक्षों के सैनिकों के घायल होने की खबरें भी आई थीं। सूत्रों ने कहा कि चीन की ओर से बड़े पैमाने पर सैन्य टुकड़ी का गठन किया गया है, जो गतिरोध वाली जगह से बहुत दूर नहीं है।यह भी देखा गया कि चीन द्वारा पैंगोंग झील में गश्त बढ़ाई जा रही है। उन्होंने नावों की संख्या भी बढ़ा दी है।
क्षेत्र में सड़क निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास से दोनों देश आमने-सामने
भारतीय की ओर से क्षेत्र में सड़क निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास से दोनों देश आमने-सामने आ गए हैं। भारत की ओर से किए जा रहे निर्माण से चीन को आपत्ति है। हालांकि भारतीय सेना ने यह सुनिश्चित किया है कि पैंगोंग झील पर कोई निरंतर तौर पर आमना-सामना नहीं हो रहा है और क्षेत्र में सशस्त्र सैनिकों की तैनाती नहीं की गई है। शुक्रवार को भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने लद्दाख में 14 कोर मुख्यालय, लेह का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने एलएसी पर सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर समीक्षा भी की थी।
Created On :   12 Jun 2020 4:16 AM IST