अयोध्या फैसला : पीएम मोदी बोले - भारत भक्ति की भावना मजबूत करने का समय, अन्य बीजेपी नेताओं ने ये कहा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दशकों से चल रहे अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज (शनिवार) अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने जमीन पर मालिकाना हक रामलला को दिया है। वहीं मुस्लिम पक्ष को कहीं और 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दी जाएगी। 5 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुबह 10.30 बजे फैसला पढ़ना शुरू किया, लगभग आधे घंटे में पूरा फैसला पढ़ा गया। कोर्ट ने मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार को देते हुए तीन महीने में स्कीम तैयार करने का आदेश दिया है। सरकार 3 महीने में मंदिर निर्माण और प्रबंधन के लिए ट्रस्ट बनाएगी, उसमें निर्मोही को भी कुछ प्रतिनिधित्व मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई भाजपा नेताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है। साथ ही देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए भाजपा नेताओं ने बताया कि इस फैसले को किसी की भी हार या जीत के रूप में नहीं देखना चाहिए।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि "देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।"
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2019
रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।
पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को कई वजहों से महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि "यह फैसला बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम होता है। इस फैसले के लिए हर पक्ष को अपनी-अपनी दलीलें रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया और न्याय के मंदिर (सुप्रीम कोर्ट) ने दशकों पुराने इस मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।"
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है:
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2019
यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है।
हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया।
न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।
उन्होंने कहा कि "यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा। हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है। भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है।"
यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2019
हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है।
भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अपने ट्वीट में कहा कि "मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूं कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें।"
श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) November 9, 2019
मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूँ कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें।
साथ ही उन्होंने कहा कि "मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा।"
मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा।
— Amit Shah (@AmitShah) November 9, 2019
पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए बताया कि यह निर्णय किसी की विजय-पराजय नहीं है। उन्होंने देश की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि "अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय हम सभी को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों का बोध कराने वाला है। देश की न्यायपालिका के निर्णय का सम्मान करते हुए हम सभी को मिलकर शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाए रखना है।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "इस निर्णय से यह स्पष्ट संदेश गया है कि संपूर्ण भारत एकजुट है एवं भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं।"
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय हम सभी को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों का बोध कराने वाला है। देश की न्यायपालिका के निर्णय का सम्मान करते हुए हम सभी को मिलकर शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाए रखना है।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) November 9, 2019
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए जनता से अपील की कि "देश की एकता व सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें। उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।"
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत है, देश की एकता व सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें, उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 9, 2019
वहीं भाजपा पार्टी की दिग्गज नेता उमा भारती ने कहा कि "कोर्ट ने एक निष्पक्ष किंतु दिव्य निर्णय दिया है। मैं आडवाणी जी के घर में उनको माथा टेकने आई हूं। आडवाणी वह व्यक्ति हैं जिन्होंने सूडो सेक्यूलरिज्म को चुनौती दी थी। उन्हीं की बदौलत आज हम यहां तक पहुंचे हैं।"
#WATCH Uma Bharti,BJP on #AyodhyaVerdict: Court ne ek nishpaksh kintu divya nirnaya diya hai. Main Advani ji ke ghar mein unko maatha tekne aayi hoon, Advani ji hi veh vyakti the jinhone pseudo-secularism ko challenge kiya tha...unhi ki badaulat aaj hum yahan tak pahunche hain. pic.twitter.com/YYtY4RCz06
— ANI (@ANI) November 9, 2019
Created On :   9 Nov 2019 1:35 PM IST