तीन मंत्रियों का इस्तीफा मंजूर, सारे मंत्री देंगे इस्तीफा, जल्द होगा बड़ा फेरबदल
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान की सियासी हवाएं एक बार फिर नया रूख लेने की तैयारी करती नजर आ रही हैं। प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे के नेताओं की नाराजगी के बढ़ते देख ये अटकलें लगने लगी हैं कि बहुत जल्द कांग्रेस के लिए राजस्थान भी पंजाब की तर्ज पर आगे बढ़ सकता है। फिलहाल आलाकमान की पूरी कोशिश है कि ऐसे हालात न बनें। यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मर्जी न होते हुए भी सचिन पायलट के समर्थकों को कैबिनेट में जगह देने के लिए चर्चाएं जोरों पर जारी हैं। हालांकि उससे पहले ही राजस्थान में सियासी उठापटक तेज हो चुकी हैं। तीन कैबिनेट मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। सीएम ने उनके इस्तीफे मंजूर भी कर लिए हैं।
कहां अटका है पेंच?
प्रदेश में कैबिनेट विस्तार के लिए लगातार मांग उठ रही है। फिलहाल गहलोत कैबिनेट में 12 पद खाली हैं। पहले इनकी संख्या नौ थी। काफी समय से कैबिनेट विस्तार पर मंथन जारी है। पहले खबरें आईं कि कैबिनेट में सचिन पायलट समर्थकों को पद देने में गहलोत सहमत नहीं हैं। जिसकी वजह से विस्तार टल गया। पायलट समर्थक इसके बाद भी डटे रहे। फिर खबर आई कि आलाकमान की सहमति से गहलोत समर्थकों को पांच पद और पायलट के पांच समर्थकों को कैबिनेट में शामिल करने पर रजामंदी हो गई है। इस बीच तीन और मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। जिन्हें गहलोत स्वीकर कर ही चुके हैं।
आगे क्या होगा?
गहलोत ने आज शाम अपने निवास पर कैबिनेट की बैठक बुलवाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में सभी मंत्रियों का इस्तीफा हो सकता है। इस बीच राजस्थान प्रभारी अजय माकन भी जयपुर पहुंच चुके हैं। वे गहलोत से चर्चा कर चुके हैं। अब पायलट से चर्चा होनी है। इन दोनों से बातचीत में सुलह का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है। ताकि पंजाब जैसी उठापटक से पहले राजस्थान के हालात संभाले जा सकें। बताया जा रहा है कि खुद सोनिया और प्रियंका गांधी राजस्थान के हालात पर नजर बनाए हुए है। फिलहाल 21 नवंबर को गहलोत कैबिनेट के विस्तार की संभावना जताई जा रही है।
Created On :   20 Nov 2021 11:17 AM IST