नीरव मोदी को ब्रिटेन हाईकोर्ट से बड़ा झटका, प्रत्यर्पण रोकने की अपील खारिज, जल्द लाया जा सकता है भारत

Big blow to Nirav Modi from UK High Court, appeal to stop extradition dismissed, can be brought to India soon
नीरव मोदी को ब्रिटेन हाईकोर्ट से बड़ा झटका, प्रत्यर्पण रोकने की अपील खारिज, जल्द लाया जा सकता है भारत
नीरव मोदी की मुसीबत बढ़ी नीरव मोदी को ब्रिटेन हाईकोर्ट से बड़ा झटका, प्रत्यर्पण रोकने की अपील खारिज, जल्द लाया जा सकता है भारत
हाईलाइट
  • नीरव का प्रत्यर्पण किसी भी नजरिए से अन्यायपूर्ण नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत छोड़कर ब्रिटेन में शरण लेने वाले भगोड़े नीरव मोदी को जल्द भारत लाया जा सकता है। ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने इसे हरी झंडी दिखा दी है। खबरों के मुताबिक, नीरव के प्रत्यर्पण रोकने की अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने टिप्पणी में कहा कि नीरव का प्रत्यर्पण किसी भी दृष्टिकोण से अन्यायपूर्ण या दमनकारी नहीं होगा।

भारत चाहता है नीरव का प्रत्यर्पण 

भगोड़े नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत लंबे समय से प्रयासरत है। लेकिन ब्रिटेन में शरण लिए बैठा नीरव बचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और अपनी तरफ से तरह-तरह का तर्क दे रहा है। ब्रिटेन हाईकोर्ट में नीरव के वकील ने कहा कि वह इन दिनों डिप्रेशन के शिकार है और भारत के जेल में जैसी स्थिति है। नीरव के वकील ने आगे कहा कि वहां पर वह सुसाइड भी कर सकता है। इसी आधार पर नीरव के प्रत्यार्पण का विरोध किया जा रहा है। हालांकि, इस पूरे मामले पर ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने गंभीरता से सुनवाई करने के बाद नीरव मोदी की याचिका को खारिज कर दिया है।

नीरव मामले पर इससे पहले भी सुनवाई हुई थी। उस वक्त जस्टिस रॉबर्ट ने इस बात पर जोर दिया था कि भारत के ब्रिटेन के साथ अच्छे संबंध हैं और उन्हें 1992 वाली भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि का सम्मान करना जरूरी है। कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी स्पष्ट कर दिया है कि Westminster की अदालत ने पिछले साल प्रत्यर्पण को लेकर जो फैसला सुनाया था, वो एकदम सही था। कोर्ट ने अपने टिप्पणी में कहा कि आत्महत्या का खतरा बताना प्रत्यर्पण के खिलाफ आधार नहीं बन सकता है। 

नीरव की प्रतिक्रिया बाकी

हाईकोर्ट के इस फैसले को लेकर अभी तक नीरव मोदी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, बताया जा रहा है कि नीरव मोदी हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। 14 दिन के भीतर नीरव मोदी को वहां के सुप्रीम कोर्ट का रुख करना होगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस मामले को तभी सुनेगा, जब हाईकोर्ट की तरफ से ये कहा गया होगा कि ये याचिका जनहित से जुड़ा है।

Created On :   9 Nov 2022 4:49 PM IST

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