कई कारणों से बढ़ रही बाघों की मौत : भूपेंद्र यादव
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- वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित बाघों की गणना की जा रही है
डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि अवैध शिकार, बुढ़ापा, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, बिजली का करंट लगने और उनके बीच लड़ाई जैसे असंख्य कारणों से बाघों की मौत हो रही है। हालांकि, अवैध शिकार को कम करने के लिए कोई कड़े नियम नहीं हैं।
उच्च सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने अवैध शिकार के खिलाफ सख्त नियमों को शामिल करने के लिए बैठकें की हैं और उसी के संबंध में रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है।
कई बाघ निर्दिष्ट बाघ अभयारण्यों के बाहर रहते हैं। मानव-बाघ संघर्ष के प्रबंधन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, मैं मानता हूं कि मानव-पशु संघर्ष का एक गंभीर मुद्दा है और हम इसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में नीचे लाएंगे।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित बाघों की गणना की जा रही है।
जंगली सूअर से सुरक्षा पर माकपा सांसद डॉ वी शिवदासन के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफओ) द्वारा एक दिशानिर्देश भेजा गया है। मानव जीवन की सुरक्षा के लिए सीसीएफओ के साथ मंत्रालय और संबंधित राज्य उचित उपाय करेंगे।
सीपीआई सदस्य बिनॉय विश्वम के देश में वन आवरण को कम करने के सवाल के जवाब में, उन्होंने स्वीकार किया कि जहां मध्यम वन में कमी दर्ज की गई है, वहीं देश भर में समग्र वन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उन्होंने सदन को बताया कि भारत में वनों की तीन श्रेणियां हैं- मध्यम, मध्यम और खुले वन और घटते हरित आवरण को केवल मध्यम वनों में ही देखा गया है।
यादव ने सदन को यह भी बताया कि जैव-विविधता के तहत वन और आद्र्रभूमि दोनों ही महत्वपूर्ण हैं और इन्हें पर्यावरण का फेफड़ा और गुर्दा माना जाता है।
अभी तक, हमारे पास 25 प्रतिशत वन क्षेत्र और चार प्रतिशत आद्र्रभूमि (वेटलैंड) है। इनमें से चार प्रतिशत, एक तिहाई जंगल से संबंधित हैं और बाकी जंगल से बाहर हैं। सरकार दोनों के संरक्षण के लिए काम कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में विश्व प्रशंसित मैंग्रोव कवर को संरक्षित करने का भी प्रयास कर रही है। यह भारत और बांग्लादेश के बीच विभाजित है और दोनों देशों के बीच सुंदरबन के संरक्षण के लिए एक समझौता ज्ञापन है।
यादव ने श्रम मंत्री के रूप में सदन को यह भी बताया कि 2014 की तुलना में रोजगार में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि नवीनतम आवधिक श्रम रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड -19 के बावजूद दो लाख से अधिक नौकरियां जोड़ी गईं।
उन्होंने कहा, 2013-14 के बाद औपचारिक क्षेत्र में करीब 3,80,00,000 नौकरियां पैदा हुई हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   10 Feb 2022 6:30 PM IST