भारत बायोटेक ने सालाना इंट्रानैसल वैक्सीन की एक अरब खुराक का लक्ष्य रखा

Bharat Biotech targets one billion doses of intranasal vaccine annually
भारत बायोटेक ने सालाना इंट्रानैसल वैक्सीन की एक अरब खुराक का लक्ष्य रखा
कोविड-19 भारत बायोटेक ने सालाना इंट्रानैसल वैक्सीन की एक अरब खुराक का लक्ष्य रखा
हाईलाइट
  • भारत 15 से 18 साल के बच्चों को टीका लगाएगा कोवैक्सीन

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। भारत बायोटेक अपनी कोविड-19 इंट्रानैसल वैक्सीन की सालाना एक अरब खुराक बनाने का लक्ष्य बना रहा है, जबकि यह भारत की पहली स्वदेशी कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन की एक अरब खुराक हासिल करने की राह पर है। हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता ने पहले ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से अपने इंट्रानैसल वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण की मंजूरी के लिए संपर्क किया है। इंट्रानैसल वैक्सीन (बीबीवी154) में संक्रमण को फैलने से रोकने की क्षमता है और इसके तीसरे चरण के परीक्षण 2022 में शुरू होने की उम्मीद है।

भारत बायोटेक के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, यह गैर-आक्रामक, सुई-मुक्त, आसानी से दिया जा सकने वाला टीका बच्चों और वयस्कों के लिए उपयुक्त है। वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन को बढ़ाना आसान है। नाक के माध्यम से दिए जाने वाले टीके को वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न के खिलाफ बूस्टर खुराक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे किसी भी इंट्रामस्क्युलर कोविड वैक्सीन की दो खुराक के साथ बूस्टर खुराक के रूप में दिया जा सकता है।

बच्चों की वैक्सीन के संबंध में सूत्र ने आगे कहा, बच्चों के लिए हमारे टीके का मूल्यांकन 2-18 वर्ष आयु वर्ग में किया गया है। इसे अब डीसीजीआई से 12-18 वर्ष आयु वर्ग के लिए मंजूरी मिल गई है। शुरूआत में भारत 15 से 18 साल के बच्चों को टीका लगाएगा। हमने अपने उत्पादन में वृद्धि की है और हम इस कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी का कहना है कि कोवैक्सीन को खास तरह से तैयार किया गया है ताकि वयस्कों और बच्चों को समान खुराक दी जा सके। कंपनी का कहना है कि यह मूल वैरिएंट और बाद के वैरिएंट्स के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करेगी और इसका प्रभावकारिता रिकॉर्ड बच्चों के लिए बहुत अच्छी तरह से अनुकूल है।

कंपनी अपनी सुविधाओं का निवेश, उन्नयन (अपग्रेड) और विस्तार (एक्सपेंड) करना जारी रखे हुए है। सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, विनिर्माण पैमाने को कई चरणों में चरणबद्ध तरीके से किया गया है। विशेष रूप से तेलंगाना में हैदराबाद, कर्नाटक में मलूर, गुजरात और पुणे, महाराष्ट्र में अंकलेश्वर में विशेष रूप से डिजाइन की गई जैव-सुरक्षा स्तर-3 उत्पादन सुविधाएं, कोवैक्सीन की वार्षिक एक अरब खुराक को छूने के उद्देश्य से उत्पादन ट्रैक पर और लक्ष्य पर हैं।

निर्यात के संबंध में सूत्र ने आगे कहा कि भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन का निर्यात शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, शुरुआत में, लंबे समय से लंबित निर्यात आदेशों को 2022 की शुरुआत में उन देशों को निष्पादित किया जाएगा, जिन्होंने कोवैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है और उन अतिरिक्त देशों को भी यह भेजी जाएंगी, जो हाल ही में हमारी निर्यात सूची में जोड़े गए हैं। 60 से अधिक देशों ने पहले ही हमारे उपयोग के लिए रुचि दिखाई है।

उन्होंने कहा, मंजूरी मिलने पर, कोवैक्सीन इतिहास रच देगी और अमेरिका और कनाडा में बाजार तक पहुंच हासिल करने वाली पहली मेड इन इंडिया वैक्सीन बन जाएगी। कोवैक्सीन इस महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक अभिन्न अंग बन जाएगी। कंपनी का मानना है कि भारत ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के माध्यम से इस महामारी से निपटने के लिए एक अविश्वसनीय कार्य पूरा किया है। कोवैक्सीन के विकास ने भारत को कोविड-19 के खिलाफ आत्मनिर्भर होने में योगदान दिया है और बड़े पैमाने पर वैरिएंट ऑफ कंसर्न के हमले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया है।

(आईएएनएस)

Created On :   28 Dec 2021 8:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story