Per action: अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर अमित शाह बोले- कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने लोकतंत्र को शर्मसार किया

Arnab Goswami Arrest: Many leaders including Home Minister Amit Shah condemned the arrest
Per action: अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर अमित शाह बोले- कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने लोकतंत्र को शर्मसार किया
Per action: अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर अमित शाह बोले- कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने लोकतंत्र को शर्मसार किया
हाईलाइट
  • कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में इस घटना की निंदा की
  • गृहमंत्री अमित शाह ने घटना की आपातकाल से की तुलना
  • संपादकों के संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी निंदा की

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को बुधवार सुबह हिरासत में ले लिया है। इस मामले में अर्नब ने पुलिस पर अपने साथ मारपीट का आरोप लगाया है। अर्नब गोस्वामी ने मुंबई पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने सास-ससुर, बेटे और पत्नी के साथ मारपीट की। वहीं अब इस मामले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह सहित कई नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें इस घटना की निंदा की गई है।

सूत्रों के मुताबिक अर्णब गोस्वामी (अर्नब गोस्वामी) को महाराष्ट्र सीआईडी ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की मौत की जांच के सिलसिले में हिरासत में लिया है। 

मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी को हिरासत में लिया, जानें क्या है मामला

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस घटना की तुलना आपातकाल से करते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया है। गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार पर भी निशाना साधा। शाह ने कहा, कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की सत्ता का दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। यह हमें आपातकाल की याद दिलाता है। फ्री प्रेस पर इस हमले का विरोध होगा।

वहीं संपादकों के संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वमी की गिरफ्तारी की निंदा की है। संगठन ने एक बयान में कहा गया कि वो बुधवार सुबह अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बारे में जानकर हैरान हैं। संगठन ने कहा, "गिल्ड ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार किया जाए और मीडिया की रिपोर्टिंग के खिलाफ राज्य की पावर का इस्तेमाल ना किया जाए।

अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर कानून और न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया है। जिसमें कहा कि, कोई असहमत हो सकता है, बहस कर सकता है और सवाल भी पूछ सकता है। अर्नब गोस्वामी जैसे पत्रकार को पुलिस पावर का दुरुयोग करके गिरफ्तार करना, चूंकि वे सवाल पूछ रहे हैं, ये ऐसी घटना है जिसकी हम सभी को निंदा करनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने कहा, वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर रूप से निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने भी अर्नब की गिरफ्तारी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा, "मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है, वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में काम कर रही कांग्रेस अभी भी आपातकालीन मनस्थिति में है। इसी का सबूत आज महाराष्ट्र में उनकी सरकार ने दिखाया है। लोग ही इसका लोकतांत्रिक जवाब देंगे।

मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचला गया है, प्रेस की आजादी छीन ली गई है । महाराष्ट्र में इमरजेंसी से बदतर हालात है। जिन्होंने लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया अंततः वे स्वयं समाप्त हो गए हैं।

इस घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि, प्रेस की स्‍वतंत्रता में जो लोग आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं हैं, वे टेक्निकली फासीवाद के समर्थन में हैं। आपको भले ही वे पसंद न हों, भले ही आप उन्‍हें मान्‍यता नहीं देते हों, आप उनके अस्तित्व को कुछ न समझ सकते हों, लेकिन यदि आप चुप रहते हैं, तो आप दमन का समर्थन करते हैं। अगर आप आगे नहीं आएंगे, तो कौन बोलेगा?

भाजापा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, यह सोनिया और राहुल गांधी द्वारा निर्देशित उन लोगों को चुप कराने का एक और उदाहरण है, जो उनसे असहमत हैं। शर्मनाक!

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस घटना की निंदा की। उन्होंने ट्वीट किया, महाराष्ट्र में प्रेस की आजादी पर इस हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं। ये कदम अघोषित आपातकाल का संकेत है। पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर हमला करना सत्ता के दुरुपयोग का एक उदाहरण है। हम सभी को भारत के लोकतंत्र पर इस हमले के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।

हालांकि, इस मामले पर बात करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र में कानून का पालन किया जाता है। अगर किसी के खिलाफ सबूत हैं तो पुलिस कार्रवाई कर सकती है। ठाकरे सरकार के गठन के बाद से, बदला लेने के लिए किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

सूत्रों के मुताबिक अर्णब गोस्वामी (अर्नब गोस्वामी) को महाराष्ट्र सीआईडी ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की मौत की जांच के सिलसिले में हिरासत में लिया है। अर्णब को अलीबाग ले जाया गया है। यहां बता दें कि इस मामले में इसी साल मई माह में महाराष्ट्र सरकार ने सीआईडी जांच के आदेश दिए गए थे।
 

Created On :   4 Nov 2020 8:05 AM GMT

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