परमबीर के बाद वझे का लेटर बम: कहा- परिवहन मंत्री अनिल परब ने भी दिया था वसूली का टारगेट, नौकरी बचाने के लिए देशमुख ने मांगे थे 2 करोड़
- अनिल देशमुख ने 1600 से ज्यादा पब और बार से वसूली करने को कहा
- अनिल परब ने एक ट्रस्ट से जांच के नाम पर पैसे वसूलने को कहा
- परब ने 50 कंपनियों से 2-2 करोड़ रुपए वसूली के लिए कहा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के पत्र के बाद अब निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे के लेटर ने महाराष्ट्र में सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। सचिन वाजे ने बुधवार को दावा किया कि राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई पुलिस में उनकी सेवा जारी रखने के लिए उनसे दो करोड़ रुपये मांगे थे। साथ ही, एक अन्य मंत्री अनिल परब पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ठेकेदारों से वसूली करने का टारगेट दिया था।
दरअसल, एंटीलिया केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को पूर्व API सचिन वझे को स्पेशल कोर्ट में पेश किया। जांच एजेंसी की मांग पर कोर्ट ने वझे की कस्टडी 9 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। पेशी के दौरान सचिन वझे ने अदालत के सामने एक लिखित बयान पेश किया। यह बयान उसने NIA की कस्टडी के दौरान दिया था।
परिवहन मंत्री परब ने वाजे के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप गलत हैं और इसका लक्ष्य मेरी छवि धूमिल करना है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। वाजे को पुलिस सेवा में पिछले साल फिर से बहाल किया गया था। उन्होंने एक पत्र में यह सनसनीखेज दावा किया, जिसे उन्होंने यहां विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश करने की कोशिश की।
विशेष न्यायाधीश पीआर सित्रे ने उनके पत्र को रिकार्ड में लेने से इनकार कर दिया और उनसे जरूरी प्रक्रिया का पालन करने को कहा। वाजे, उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के बाहर एक संदिग्ध वाहन पाए जाने और कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत के मामले में आरोपी है। इस वाहन से विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। वाजे अभी एनआईए की हिरासत में है।
वझे ने किए ये खुलासे
- लिखित बयान में वझे ने यह भी कहा है कि वसूली कांड की पूरी जानकारी अनिल देशमुख के PA को थी। सचिन वझे ने अपने बयान में कहा कि NCP चीफ शरद पवार ने उनकी बहाली का विरोध किया था। वे चाहते थे कि वझे की बहाली रद्द कर दी जाए।
- सचिन वझे ने NIA को दिए बयान में कहा कि मैंने 6 जून 2020 को दोबारा ड्यूटी ज्वाॅइन की थी। मेरी ड्यूटी की ज्वॉइनिंग से शरद पवार खुश नहीं थे। उन्होंने मुझे दोबारा सस्पेंड करने के लिए कहा। ये बात मुझे खुद अनिल देशमुख ने बताई थी। उन्होंने मुझसे पवार साहब को मनाने के लिए 2 करोड़ रुपए भी मांगे थे। इतनी बड़ी रकम देना मेरे लिए मुमकिन नहीं था। इसके बाद गृह मंत्री ने मुझे इसे बाद में चुकाने को कहा। इसके बाद मेरी पोस्टिंग मुंबई के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में हुई।’
- अनिल परब ने एक ट्रस्ट से जांच के नाम पर पैसे वसूलने को कहा- सचिन वझे ने मंत्री अनिल परब पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘इसके बाद अक्टूबर 2020 में अनिल देशमुख ने मुझे सह्याद्रि गेस्ट हाउस में बुलाया। उससे पहले ही जुलाई-अगस्त 2020 में महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया था। इसी सप्ताह DCP पद पोस्टिंग को लेकर इंटरनल आर्डर भी दिए गए थे।’
- वझे ने आगे बताया कि मीटिंग के दौरान अनिल परब ने मुझसे कहा SBUT ( Saifee Burhani Upliftment Trust) कंप्लेंट पर ध्यान दो] जो कि एक प्रीलिमिनरी स्टेज पर थी। साथ ही मुझे बोला गया कि मैं SBUT के ट्रस्टी से इन्क्वायरी बंद करने के लिए सौदेबाजी करूं और इसके लिए 50 करोड़ की रकम की डिमांड करूं। उन्होंने मुझे रकम के लिए शुरुआती बात करने के लिए भी कहा, लेकिन मैंने ऐसा करने से मना कर दिया क्योंकि मैं SBUT में से किसी को भी नही जानता हूं और इस इन्क्वायरी से भी मेरा कोई लेना देना नहीं था।
- परब ने 50 कंपनियों से 2-2 करोड़ रुपए वसूली के लिए कहा- अनिल परब के साथ हुई एक और मुलाकात का जिक्र करते हुए वझे ने कहा, ‘जनवरी 2020 में मंत्री अनिल परब ने दोबारा मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया और BMC में लिस्टेड Praudulant contractor के खिलाफ जांच की कमान संभालने को कहा।
- मंत्री अनिल परब ने इसी तरह की 50 लिस्टेड कंपनियों में से हर कंपनी से 2 करोड़ रुपए लेने के लिए कहा। क्योंकि एक शिकायत पर इन कंपनियों के खिलाफ जांच चल रही थी, जो शुरुआती दौर में थी।’
- अनिल देशमुख ने 1600 से ज्यादा पब और बार से वसूली करने को कहा- जनवरी 2021 में गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया। तब उनके PA कुंदन भी वहां मौजूद थे। इसी समय मुझसे मुंबई में 1650 पब, बार मौजूद होने और उनसे हर महीने 3 लाख रुपए के कलेक्शन की बात कही गई। इस पर मैंने गृहमंत्री अनिल देशमुख से कहा कि शहर में 1650 बार नहीं, सिर्फ 200 बार है।
- आगे सचिन वझे ने बताया कि मैंने गृह मंत्री को इस तरह बार से पैसा इकट्ठा करने से भी मना कर दिया था, क्योंकि मैंने उन्हें बताया था कि ये मेरी क्षमता से बाहर की बात है। तब गृहमंत्री के PA कुंदन ने मुझे कहा था कि अगर मैं अपनी जॉब और पोस्ट को बचाना चाहता हूं, तो वही करूं, जो गृहमंत्री कह रहे है।
- परमबीर सिंह को बताई वसूली के पूरे खेल की पूरी कहानी- पत्र के आखिर में वझे ने बताया,’इसके बाद ये बात मैंने तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह को ये पूरी बात बता दी थी.और ये भी कहा था कि आने वाले भविष्य में मुझे किसी कंट्रोवर्सी में फंसा दिया जाएगा। इसके बाद तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुझे किसी भी अवैध वसूली में शामिल होने से मना कर दिया था।’ पत्र के आखिर में वझे ने लिखा- जज साहब मैं यह बातें आपके सामने इसलिए ला रहा हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि मुझे न्याय मिले।
Created On :   8 April 2021 12:59 AM IST