आंध्र प्रदेश : विधानसभा ने पास किया विधान परिषद को भंग करने का प्रस्ताव

Andhra Pradesh cabinet approved the decision to dissolve the Legislative Council
आंध्र प्रदेश : विधानसभा ने पास किया विधान परिषद को भंग करने का प्रस्ताव
आंध्र प्रदेश : विधानसभा ने पास किया विधान परिषद को भंग करने का प्रस्ताव
हाईलाइट
  • सोमवार सुबह कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया
  • आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने विधान परिषद को भंग कर देने के फैसले को मंज़ूरी दी
  • वाईएसआर कांग्रेस के विधायक गुडीवाडा अमरनाथ ने इसकी जानकारी दी

डिजिटल डेस्क, अमरावती। आंध्र प्रदेश विधानसभा ने राज्य सरकार के विधान परिषद को भंग करने का सोमवार को प्रस्ताव पारित किया। विधानसभा आगे की प्रक्रिया के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी। सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।

इससे पहले दिन में आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने विधान परिषद को भंग कर देने के फैसले को मंज़ूरी दी थी। सोमवार सुबह कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था। वाईएसआर कांग्रेस के विधायक गुडीवाडा अमरनाथ ने इसकी जानकारी दी। 

विधानसभा ने गुरुवार को पिछले दो दिनों में परिषद में हुई घटनाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने स्पीकर से सोमवार को इस बात पर चर्चा करने की अनुमति मांगी कि क्या परिषद को समाप्त किया जा सकता है या नहीं। माना जा रहा है कि विधान परिषद में जगन मोहन की एक महात्वाकांक्षी योजना को मुंह की खानी पड़ी है जिसकि वजह से वह विधान परिषद को भंग करना चाहते थे।

विधान परिषद में नायडू की पार्टी को बहुमत
दरअसल, आंध्र प्रदेश की विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 58 है। राज्य में भले ही जगन मोहन प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए हों, लेकिन विधानमंडल के उच्च सदन यानी कि विधान परिषद में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी को बहुमत हासिल है। यहां पर टीडीपी के 27 विधायक हैं, जबकि YSRCP के यहां 9 विधायक हैं। जगन मोहन आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियां चाहते हैं, लेकिन टीडीपी के बहुमत वाली विधान परिषद ने इस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया। इससे जगन मोहन की ये परियोजना लटक गई।

टीडीपी सांसद कनकमेडला रवींद्र कुमार ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार से संविधान के मूल्यों का पालन करने की उम्मीद की जाती है। दुर्भाग्य से इसने एक असामान्य निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, विधान परिषद को अन्य कारणों से भंग किया जा सकता है लेकिन इस कारण से नहीं कि इसने विधेयकों को एक प्रवर समिति को भेजा।

गुरुवार को एक चर्चा के दौरान, वित्त और विधायी मामलों के मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ ने दो बिलों को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने को साजिश बताया था। उन्होंने कहा था, "दो बिल - आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों के समावेशी विकास विधेयक, 2020, और एपी कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी को सिलेक्ट कमेटी को भेजने की साजिश हुई है।

Created On :   27 Jan 2020 11:49 AM IST

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