देश की धरती पर कदम रखने को तैयार दुश्मन देशों के सैनिक, सीमा पर तनाव के बीच चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध अभ्यास करेगा भारत

Amidst tension on the border, China is ready to conduct military exercises in Haryana, Pakistani soldiers will also be involved
देश की धरती पर कदम रखने को तैयार दुश्मन देशों के सैनिक, सीमा पर तनाव के बीच चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध अभ्यास करेगा भारत
एक साथ उठेंगे हथियार! देश की धरती पर कदम रखने को तैयार दुश्मन देशों के सैनिक, सीमा पर तनाव के बीच चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध अभ्यास करेगा भारत
हाईलाइट
  • वोस्तोक अभ्यास 30 अगस्त से 5 सितंबर के बीच हो सकता है

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली।  शंघाई सहयोग संगठन के तहत भारत में अक्टूबर माह के अंत तक अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी अभ्यास किया जा सकता है। सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत और चीन सैन्य अभ्यास में भाग ले सकते हैं। यहीं नहीं जानकारी यह भी मिल रही है कि पाकिस्तान भी इस सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए भारत आ सकता है।

संभावनाएं जताई जा रहा हैं कि यह सैन्य अभ्यास हरियाणा के मनेसर में हो सकता है। पाकिस्तान के विदेश प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार ने साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान मुल्क के इस अभ्यास में शामिल होने की जानकारी दी है।

रूस में भी होगा सैन्य अभ्यास

खबरों की मानें तो हरियाणा में होने वाले युद्धअभ्यास के अलावा भारत रूस में होने वाले वोस्तोक 2022 सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले सकता है।  न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें तो "चीन ने भी पुष्टि कर दी है कि वो सैनिक वोस्तोक 2022 सैन्य अभ्यास में भाग लेंगे। वहीं भारत का 75 सदस्यीय दल भी इसमें शामिल होने के लिए तैयार है और एक बार तारीख पक्की होने के बाद वह व्लादिवोस्तोक के लिए रवाना हो जाएगा। बताया जा रहा है कि वोस्तोक अभ्यास 30 अगस्त से 5 सितंबर के बीच हो सकता है। 

पहले भी हो चुका है युद्ध अभ्यास

 बता दें  साल 2021 में भारत ने रूस में जापद अभ्यास में भाग लिया था, जिसमें पाकिस्तान और चीन सहित 17 देश शामिल हुए थे। यह अभ्यास रूस की पश्चिमी सीमा पर हुए थे।

क्या और क्यों होता है युद्ध अभ्यास?

किसी भी देश के लिए अन्य देशों के साथ सैन्य अभ्यास करने की पीछे कई कारण होते हैं। सैन्य अभ्यास में सैन्य कार्रवाई के लिए प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से संसाधनों का उपयोग किया जाता है। 

इसमें वास्तविक युद्ध का समाना किए बिना ही या तो युद्ध के प्रभावों को समझा जाता है। इसके साथ ही युद्ध की रणनीतियों की परीक्षा की जाती है। इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि सेना युद्ध के लिए तैयार है।

Created On :   19 Aug 2022 3:16 PM IST

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