आखिर क्यों मनाया जाता है 'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस', क्या है इस बार की थीम?
- 8 मार्च को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है
- महिला दिवस के खास अवसर पर हर साल एक वार्षिक थीम तय की जाती है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह एक वार्षिक दिवस है, जो महिलाओं की उपलब्धियों को सराहने के लिए मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है। इस दिन को मनाने का प्रमुख लक्ष्य महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है। दुनियाभर में मनाया जाने वाला महिला दिवस का ये खास दिन महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक सम्मान के लिए समर्पित है। ये इकलौता दिन है जब सभी वर्ग, और संस्कृतियों की महिलाएं बराबरी और हक की लड़ाई लड़ने के लिए एकजुट होती हैं। आइये जानते हैं कि इस खास दिन का इतिहास।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत महिला मजदूर आंदोलन से हुई थी। 1908 में 15000 महिलाओं ने न्यूयॉर्क सिटी में वोटिंग अधिकारों की मांग के लिए, काम के घंटे कम करने के लिए और बेहतर वेतन मिलने के लिए मार्च निकाला था। एक साल बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी की घोषणा के अनुसार 1909 में यूनाइटेड स्टेट्स में पहला राष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी को मनाया गया।
इस दिन को वैश्विक तौर पर मनाने का विचार क्लारा जेटकिन नाम की महिला ने सामने रखा था। उन्होंने सुझाव दिया की महिलाओ को अपनी मांगो को आगे बढ़ने के लिए हर देश में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाना चाहिए। एक कांफ्रेंस में 17 देशो की 100 से ज्यादा महिलाओ ने इस सुझाव पर सहमती जताई और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत हुई।
इसके बाद इस दिवस को ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड ने 19 मार्च 1911 को विश्व स्तर पर मनाया। इस दिन लोगों ने भारी संख्या में सड़कों पर उतर कर महिलाओं के अधिकारों जैसे वोट देने, नौकरी के लिए प्रदर्शन किया था। फिर 1913 में इसे 8 मार्च तय कर दिया गया था। तबसे लेकर अब तक अंतराष्ट्रीय महिला दिवस को इसी तारीख को मनाया जाता रहा है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने ये दिन पहली बार 1975 में मनाया था। फिर उन्होंने 1977 में एक प्रस्ताव पारित कर महिलाओं के अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र दिवस घोषित कर दिया दिया था।
प्रतिवर्ष निर्धारित की जाती है एक थीम
महिला दिवस के खास अवसर पर हर साल एक वार्षिक थीम तय की जाती है। बती दें कि एसा हमेशा से नहीं था। थीम रखने की प्रथा पहली बार 1996 में संयुक्त राष्ट्र ने शुरू की थी। इन थीम्स को लेकर सोशल मीडिया पर काफी सारे पोस्ट देखने को मिल जाते हैं। इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम “जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ससटेनेबल टुमॉरो" है। इस थीम के पीछे की सोच दुनिया भर में महिलाओं के योगदान को मान्यता देना है।
आज की महिलायें सभी के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, शमन और प्रतिक्रिया पर प्रभावशाली काम कर रही हैं। साथ ही, महिलाएं प्रभावी और शक्तिशाली नेता और परिवर्तन-निर्माता हैं। सोशल मीडिया पर इस थीम के हैशटैग खूब ट्रेंड हो रहे। गौरतलब है कि यूएन ने महिला दिवस की सबसे पहली थीम की घोषणा "Celebrating the past, Planning for the Future" की थी।
Created On :   7 March 2022 5:50 PM IST