बिल्कुल समझ से बाहर: सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को किया रद्द
- उच्च न्यायालय ने अपने आक्षेपित निर्णयों द्वारा पुनर्मूल्यांकन को रद्द कर दिया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक फैसले को खारिज करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से समझ से बाहर है। जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, उच्च न्यायालय का निर्णय पूरी तरह से समझ से बाहर है। जिन कारणों के आधार पर उच्च न्यायालय ने याचिकाओं को अनुमति देने और पुनर्मूल्यांकन को रद्द करने के लिए कार्यवाही की है, उन्हें निर्णयों से नहीं देखा जा सकता है।
शीर्ष अदालत का आदेश, 1 अगस्त को पारित, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर आया, जिसने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत प्रतिवादी द्वारा स्थापित रिट याचिकाओं को अनुमति दी थी।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 27 नवंबर 2020 के अपने फैसले से संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत प्रतिवादियों द्वारा स्थापित रिट याचिकाओं को अनुमति दी है। उत्तरदाताओं ने अपीलकर्ता द्वारा पारित पुनर्मूल्यांकन के आदेशों की वैधता को चुनौती देने की मांग की। उच्च न्यायालय ने अपने आक्षेपित निर्णयों द्वारा पुनर्मूल्यांकन को रद्द कर दिया है।
यह नोट किया गया कि शीर्ष अदालत ने 12 जनवरी, 18 अप्रैल और 29 अप्रैल को विशेष अनुमति याचिकाओं में नोटिस जारी किया था। पीठ ने उच्च न्यायालय को मामले की नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश देते हुए कहा, तदनुसार अपील की अनुमति दी जाती है। उच्च न्यायालय के आक्षेपित निर्णयों को निरस्त किया जाता है। यह मामला हिमाचल प्रदेश और अन्य बनाम हिमाचल एल्युमीनियम कंडक्टर्स से जुड़ा है।
(आईएएनएस)
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Created On :   4 Aug 2022 10:00 PM IST