राज्यसभा के बजट सत्र में हुआ 99.80 प्रतिशत कामकाज
- वेंकैया नायडू ने सत्र के अंतिम दिन प्रथागत समापन संबोधन नहीं दिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा ने गुरुवार को संपन्न हुए बजट सत्र के दौरान 99.80 प्रतिशत कामकाज दर्ज किया। हालांकि उच्च सदन 100 प्रतिशत कामकाज की उपलब्धि हासिल करने में महज 10 मिनट से चूक गया।
राज्यसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा, 2017 के मानसून सत्र (243वें सत्र) के बाद से पिछले 14 सत्रों के दौरान सदन की यह तीसरा सबसे अच्छा (ज्यादा) कामकाज रहा है। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सत्र के अंतिम दिन प्रथागत समापन संबोधन नहीं दिया, क्योंकि सदन में कुछ नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया था। सत्र के दौरान कुल 29 बैठकें निर्धारित की गई थीं मगर राज्य सभा की कुल 27 बैठकें हुईं। बजट सत्र के पहले चरण में 10 और गुरुवार को समाप्त हुए दूसरे चरण में 17 बैठकें हुईं।
बयान में कहा गया है कि सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के सुझावों पर होली और रामनवमी से पहले दो बैठकें रद्द कर दी गईं। बजट सत्र की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ हुई और पहली 12 बैठकों के दौरान बिना किसी व्यवधान के कामकाज हुआ। पिछले करीब तीन साल के दौरान यह सबसे अच्छा दौर रहा। सत्र के दूसरे चरण के दौरान, छह दिन हंगामे के कारण कामकाज बाधित हुआ और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सत्र के दौरान 11 दिन बैठक निर्धारित समय से अधिक समय तक चली और 27 में से 21 बैठकें हंगामे व व्यवधान से मुक्त रहीं। इन व्यवधानों के कारण 9 घंटे 26 मिनट का समय बर्बाद हो गया, वहीं सदन में 9 घंटे 16 मिनट अतिरिक्त कामकाज हुआ और सदस्यों ने निर्धारित घंटों से अधिक समय तक बैठकर चर्चा में भाग लिया।
सदस्यों ने रेलवे, पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास, जनजातीय मामलों और श्रम एवं रोजगार मंत्रालयों के कामकाज पर कुल 22 घंटे 34 मिनट चर्चा की। 2010 में पांच मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा के बाद पिछले 12 वर्षों में यह इस संबंध में सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा। सत्र के दौरान 37 प्रतिशत समय राष्ट्रपति अभिभाषण, बजट और चार मंत्रालयों के कामकाज पर खर्च हुआ। वहीं 23 प्रतिशत समय सरकारी विधेयकों और 10 प्रतिशत लोक महत्व के विभिन्न मुद्दों को उठाने पर खर्च किया गया। बयान में कहा गया है कि इस सत्र के दौरान, राज्यसभा ने 11 विधेयकों को मंजूरी दी, जिनमें विनियोग और वित्त विधेयकों जैसे छह विधेयक शामिल हैं जिन्हें चर्चा के बाद लौटाया गया। इस दौरान सूचीबद्ध 360 प्रश्नों में से 135 तारांकित (स्टार्ड) प्रश्नों (37.50 प्रतिशत) के मौखिक उत्तर दिए गए। सदस्यों ने शून्यकाल में 248 और विशेष उल्लेख के जरिए 168 मुद्दों को उठाया। बजट सत्र के दूसरे भाग के दौरान, राज्य सभा की आठ विभाग संबंधित संसदीय स्थायी समितियों ने 19 घंटे 30 मिनट की कुल अवधि के लिए कुल 16 बैठकें कीं।
इन बैठकों में औसत उपस्थिति 50.10 प्रतिशत रही है, जिसमें गृह मामलों, शिक्षा और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समितियों ने 60 प्रतिशत से अधिक की औसत उपस्थिति दर्ज की है। इन 16 बैठकों की औसत अवधि एक घंटा 13 मिनट रही है। इन समितियों ने सत्र के दूसरे भाग के दौरान 36 रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की अनुदान मांगों पर 30 रिपोर्ट शामिल हैं। इस बजट सत्र के दौरान सदन में 99.80 प्रतिशत कामकाज हुआ, जबकि 2019 के मानसून सत्र (249वें) और 2020 के मानसून सत्र (252वें) के दौरान 100 प्रतिशत या उससे अधिक कामकाज हुआ था। पिछले साल के बजट सत्र में 94 प्रतिशत कामकाज हुआ था और इस बार इसमें सुधार दर्ज किया गया है।
(आईएएनएस)
Created On :   7 April 2022 8:00 PM IST