इसरो: गगनयान मिशन के लिए 4 एस्ट्रोनॉट फाइनल, जनवरी के तीसरे हफ्ते से शुरू होगी ट्रेनिंग
- ISRO के चेयरमैन के सिवन ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी
- जनवरी के तीसरे सप्ताह से रूस में इनकी ट्रेनिंग शुरू होगी
- भारत के पहले मानव मिशन गगनयान के लिए चार एस्ट्रोनॉट्स फाइनल
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। भारत के पहले मानव मिशन गगनयान के लिए चार एस्ट्रोनॉट्स का चयन कर लिया गया है। जनवरी के तीसरे सप्ताह से रूस में इनकी ट्रेनिंग शुरू होगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन के सिवन ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी।
सिवन ने कहा, "गगनयान के लिए डिजाइन का बहुत सारा काम पूरा कर लिया गया है। इस साल गगनयान के कई सारे टेस्ट होंगे।" उन्होंने ये भी कहा कि "गगनयान की पहली मानवरहित उड़ान को भी इस वर्ष के लिए लक्षित किया गया है।" सिवन से जब ये पूछा गया कि क्या गगनयान जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स का असर दूसरे मिशनों पर पड़ेगा। इस पर सिवन ने कहा, "हम इस वर्ष 25 से ज्यादा मिशनों को देख रहे हैं।"
60 आवेदकों में से 4 का चयन
सितंबर के पहले हफ्ते में इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) ने गगनयान प्रोग्राम के लिए 60 आवेदकों में से 12 टेस्ट पायलटों को चुना था। इन 12 टेस्ट पायलटों ने स्क्रीनिंग का एक लेवल पूरा कर लिया था। अब रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ग्लावकोसमॉस (रॉसकॉसमॉस स्टेट कॉरपोरेशन की सब्सिडरी) ने स्क्रीनिंग पूरी करने के बाद चार अंतरिक्ष यात्रियों को चुना है।
भारत 2022 तक भेजेगा अंतरिक्ष में मानव
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐलान किया था कि भारत 2022 तक अंतरिक्ष में अपना पहला मानव मिशन भेजेगा। भारत अपने पहले मानव मिशन में तीन यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। ये अंतरिक्ष यात्री 7 दिनों तक अर्थ के लोअर ऑर्बिट में रहेंगे। एक क्रू मॉड्यूल तीन भारतीयों को लेकर जाएगा, जिसे सर्विस मॉड्यूल के साथ जोड़ा जाएगा। दोनों को रॉकेट की मदद से आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। अर्थ के लोअर ऑर्बिट में पहुंचने के लिए इसे 16 मिनट का वक्त लगेगा।
मिशन में फ्रांस का भी सहयोग
भारत को उसके इस मिशन में फ्रांस भी सहयोग कर रहा है। दोनों देशों ने इस प्रोजेक्ट के लिए एक कार्यकारी समूह गठित किया है। अंतरिक्ष सहयोग के दायरे में इसरो को फ्रांस में अंतरिक्ष अस्पताल केंद्रों की सुविधा देना और अंतरिक्ष औषधि, अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी करने, जीवन रक्षा संबंधी सहयोग मुहैया कराने, विकिरणों से रक्षा, अंतरिक्ष के मलबे से रक्षा और निजी स्वच्छता व्यवस्था के क्षेत्रों में संयुक्त रूप से अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल करना शामिल है।
Created On :   1 Jan 2020 5:15 PM IST