19 साल के सिद्धार्थ को स्वदेश लौटने के लिए यूक्रेन से पोलैंड तक, 4 दिन तक पैदल चलना पड़ा

19-year-old Siddharth had to walk for 4 days from Ukraine to Poland to return home
19 साल के सिद्धार्थ को स्वदेश लौटने के लिए यूक्रेन से पोलैंड तक, 4 दिन तक पैदल चलना पड़ा
यूक्रेन और रूस जंग के बीच 19 साल के सिद्धार्थ को स्वदेश लौटने के लिए यूक्रेन से पोलैंड तक, 4 दिन तक पैदल चलना पड़ा
हाईलाइट
  • कुछ यूक्रेनियन लोगों ने मदद जरूर भी की।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूक्रेन से भारत लौटे 19 साल के छात्र सिद्धार्थ को स्वदेश लौटने के लिए 4 दिन तक 42 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। दिल्ली पहुंचे सिध्दार्थ सिंह की घबराहट देखकर उसका मेडिकल कराया गया। उनके पैर में छाले पड़ गए, सर्दी से उंगलियां सुन्न हो गईं।

यूक्रेन और रूस के बीच पिछले 9 दिन से जारी युद्ध के बीच भारतीयों छात्रों के स्वदेश लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। यूक्रेन के बॉर्डर और पड़ोसी देशों से भारत सरकार की ओर से मिशन गंगा के तहत इन छात्रों को जल्द से जल्द निकाला जा रहा है। लेकिन छात्र बॉर्डर के इलाकों तक विषम परिस्थितियों में स्वयं पहुंच रहे हैं, हर छात्र का अपना अलग अनुभव है। यूक्रेन में भारतीय छात्र बड़ी संख्या में फंसे हुए हैं। केंद्र सरकार के अनुसार अब तक करीब 1400 भारतीयों को यूक्रेन से निकाला जा चुका है। राजस्थान के जयपुर के रहने वाले सिद्धार्थ का भी ऐसा ही कुछ ऐसा ही अनुभव रहा है।

अपनी दर्द भरी यात्रा के बारे में बताते हुए आईएएनएस से सिद्धार्थ ने बातचीत में कहा, मुझे यूक्रेन-पोलैंड बॉर्डर आने के लिए -2 से -6 डिग्री सेल्सियस तापमान में करीब 42 किलोमीटर सामान के साथ पैदल चलना पड़ा। दस लीटर पानी भी था, लेकिन सामान के चलते पानी रास्ते में ही छोड़ना पड़ा। करीब 4 दिन लगातार चलने के दौरान सड़क पर ही झपकी ली और बर्फ पिघला कर पानी पिया। लगातार चलने से पैर में छाले पड़ गए, जबकि हाथों की उंगलियां सुन्न हो गईं। मोबाइल भी जवाब दे गए। हालांकि कुछ यूक्रेनियन लोगों ने मदद जरूर की।

दरअसल, यूक्रेन से भारत लौटने के बाद सिद्धार्थ सिंह के पैर में छाले ज्यादा होने के चलते ठीक से चल नहीं पा रहे हैं। तबीयत नासाज होने पर चाणाक्यपुरी स्थित राजस्थान गेस्ट हाउस के सहायक मैनेजर मनोहर कोली उसे बीकानेर हाउस स्थित राजस्थान सरकार की डिस्पेंसरी ले आए। जहां डॉ. सविता अग्रवाल ने सिद्धार्थ की जांच कर परामर्श दिया। डॉक्टर ने सिद्धार्थ के बीपी, शूगर आदि की जांच की, जो सामान्य आई। हालांकि तेज सर्दी में लगातार चलने से उसके हाथों की उंगलियां सुन्न मिलीं। डॉक्टर ने सिद्धार्थ के परिजनों से भी बात की और बताया कि युद्ध जैसे हालात से आने के चलते वह थोड़ा घबराया हुआ है। डॉक्टर ने सिद्धर्थ को जरूरी दवाएं देकर फिलहाल उन्हें राजस्थान भेज दिया गया है।

गौरतलब है कि कड़ाके की सर्दी में, गोलाबारी के बीच भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। देशभर के करीब 1400 से अधिक विद्यार्थी गुरुवार को भारत वापस आए। इनमें से राजस्थान के 142 विद्यार्थी शामिल थे। करीब 20 हजार भारतीय नागरिक यूक्रेन में फंसे में थे। अभी तक 390 राजस्थानी विद्यार्थी यूक्रेन से लौट चुके हैं।

 

(आईएएनएस)

Created On :   4 March 2022 4:30 PM IST

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