सागर परिक्रमा अभियान: नौसेना की जांबाज अधिकारियों ने दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी छोर पर स्थित केप हॉर्न को पार किया
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- स्वदेशी नौका तारिणी पर नाविका सागर परिक्रमा अभियान
- इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज
- ड्रेक पैसेज का नाम खोजकर्ता सर फ्रांसिस ड्रेक के नाम पर रखा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्वदेशी नौका तारिणी पर नाविका सागर परिक्रमा अभियान पर निकली नौसेना की दो जांबाज अधिकारियों ने समुद्र की जटिल परिस्थितियों में दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी छोर पर स्थित केप हार्न को सफलतापूर्वक पार करके इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर लिया है। नौसेना की दोनों अधिकारी पिछले साल दो अक्टूबर को इस अभियान पर निकली थी। केप हॉर्न अंटार्कटिका से लगभग 800 किलोमीटर (432 समुद्री मील) की दूरी पर है, जो बर्फीले महाद्वीप के सबसे नज़दीकी है। यहां यात्रा करने के लिए नौवहन विशेषज्ञता की जरूरत होती है।
यूनीवार्ता से मिली जानकारी के मुताबिक नौसेना के प्रवक्ता ने आज शनिवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि लगातार बारिश, समुद्र की विषम स्थिति , 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवा और 5 मीटर से अधिक ऊंची लहरों के बीच लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए ने समुद्र के रास्ते दुनिया का चक्कर लगाने के अभियान के दौरान यह सफलता हासिल की।
आपको बता दें दोनों नौसेना अधिकारी जिस मार्ग से गए है वह बड़ा खतरनाक जलमार्ग है। यह मार्ग नाविकों को ड्रेक पैसेज से होकर ले जाता है। ये जलमार्ग तेज हवाओं, ऊंची लहरों तथा अप्रत्याशित मौसम के लिए जाना जाता है। इस जलमार्ग की परिस्थितियाँ सबसे अनुभवी नाविकों की भी परीक्षा लेती हैं।
दोनों अधिकारियों ने विषम परिस्थितियों वाले जलक्षेत्रों का साहसपूर्वक सामना करने के बाद केप हॉर्नर्स का प्रतिष्ठित खिताब जीता है। यह खिताब पारंपरिक रूप से उन नाविकों को दिया जाता है, जिन्होंने पाल के नीचे केप हॉर्न को सफलतापूर्वक नेविगेट किया है।
Created On :   15 Feb 2025 3:25 PM IST