मन की बात: महाकुंभ से लेकर संविधान और मलेरिया स्वास्थ्य चुनौतियों तक सभी चीजों पर की चर्चा, अनेकता में एकता का दृश्य देखने को मिलता है- पीएम मोदी
- पीएम मोदी ने मन की बात का 117वां संबोधन किया
- पीएम मोदी ने संविधान से जुड़ने को कहा
- महाकुंभ की तौयारियों पर की चर्चा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री का मन की बात का 117वां संबोधन था। जिसमें उन्होंने संविधान को लेकर कई सारी बातें कही हैं, साथ ही महाकुंभ और प्रयागराज का भी काफी ज्यादा जिक्र किया है। पीएम मोदी का कहना है की, हमारे संविधान के निर्माताओं की तरफ से जो हमें संविधान सौंपा गया है, वो समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। उन्होंने कहा है कि, "26 जनवरी, 2025 को हमारे संविधान को लागू हुए 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। हम सभी के लिए बहुत ही गौरव की बात है।"
पीएम ने किया संविधान से जुड़ा वेबसाइट लॉन्च
पीएम मोदी ने कहा है कि, "देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जुड़ने के लिए एक खास वेबसाइट (https://constitution75.com) बनाई गई है, जिसमें आप संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं। आप अलग-अलग भाषाओं में संविधान भी पढ़ सकते हैं। संविधान के बारे में प्रश्न भी पूछ सकते हैं।" प्रधानमंत्री ने मन की बात के श्रेताओं से, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से लेकर कॉलेज जाने वाले तक इस वेबसाइट से जुड़ सकते हैं।
महाकुंभ की तौयारियों पर भी की चर्चा
पीएम मोदी ने प्रयागराज के दौरे की भी चर्चा की थी। मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने महाकुंभ की तैयारियों की भी चर्चा की थी। पीएम मोदी ने कहा है कि, महाकुंभ की विशेषता केलल इसकी विशालता में नहीं, बल्कि इसकी विशेषता इसकी विविधता में है। इस आयोजन में करोड़ों लोग एक साथ आते हैं। लाखों संत, हजारों परंपराएं, सैकड़ों संप्रदाय, अनेकों अखाड़ों के साथ इस आयोजन में हिस्सा लेते हैं। अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को भी नहीं मिलेगा।
पीएम मोदी ने स्वास्थ्य पर की चर्चा
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, "मलेरिया स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक थी। डब्ल्यूएच के मुताबिक मलेरिया के मामलों में भी भारी कमी देखने को मिली है। भारत में बहुत ही कम मलेरिया है।" मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बस्तर ओलंपिक पर भी चर्चा की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि, "बस्तर में एक अनूठा ओलंपिक शुरू हुआ है। पहली बार बस्तर ओलंपिक से वहां एक नई क्रांति जन्म लेगी। पहली बार में ही बस्तर ओलंपिक में 7 जिलों के एक लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया है। ये सिर्फ एक आंकड़ा ही नहीं बल्कि हमारे युवाओं के संकल्प की गौरव गाथा है।"
Created On :   29 Dec 2024 1:41 PM IST