Manipur Violence: नए साल के आगाज के बीच मणिपुर में फिर सुलगी हिंसा, सुरक्षाकर्मियों की महिलाओं से हुई झड़प
- पिछले साल से मणिपुर में जारी है हिंसा
- कांगपोकपी जिले में बड़ा तनाव
- सुरक्षाकर्मियों की महिलाओं के साथ हुई झड़प
डिजिटल डेस्क, इंफाल। साल 2025 का आगाज हो चुका है, लेकिन बावजूद इसके मणिपुर में हिंसा जारी है। इस बीच मंगलवार को कांगपोकपी जिले में कुकी समुदाय की महिलाओं की वहां तैनात सुरक्षा बलों के साथ झड़प हो गई। इससे राज्य में जारी हिंसा और बढ़ गई। इस घटना के बारे में सोशल मीडिया एक्स पर पुलिस ने एक्स पर पोस्ट शेयर किया। इस पोस्ट में पुलिस ने बताया है कि यह घटना थम्नापोकपी के पास उयोकचिंग की है। यहां पर भीड़ ने सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुंयुक्त टीम की तैनाती में बाधा डालने का प्रयास किया गया है।
पुलिस के अनुसार, संयुक्त बलों ने हल्के बल प्रयोक के साथ भीड़ के खदेड़ा। इसके बाद स्थिति शांतिपूर्ण है। पुलिस ने कहा कि इलाके पर नियंत्रण रखने और किसी भी अप्रिय घटना पर काबू पाने के लिए पास की पहाड़ी पर सेना की टुकड़ी कौ तैनात किया गया है। इसके अलावा स्थानिय लोगों का कहना है किकि टिविचंग के सैबोल गांव में सेना के हमले में कई लोग चोटिल हो गए। बता दें, टविचिंग कुकी नियंत्रित पहाड़ियों और मैतेई प्रभुत्व वाली इंफाल घाटी के बीच तथाकथित बफर जोन में स्थित है।
सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे
स्थानीय लोगों ने कहा कि महिलाएं सुरक्षाकर्मियों के सामुदायिक बंकरों पर जबरन कब्जे का विरोध कनेर के लिए जमा हुई थीं। इस दौरान कुकी समुदाय के एक नेता ने आरोप लगाया कि स्थिति तब और बिगड़ गई। उन्होंने बताया कि ऐसा तब हुआ जब सुरक्षाकर्मियों की ओर से आंदोलनकारी को खदड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे।
नेशनल हाईवे-2 पर चक्काजाम
एक प्रदर्शनकारी के मुताबिक, "यह युद्ध के मैदान जैसा था। हम अपनी चिंताओं को बताने आए थे, न कि युद्ध की रणनीति का सामना।" इस घटना के बाद आदिवासी एकता समिति ने नेशनल हाईवे-2 को अनिश्चित काल तक जाम कर दिया था। समिति ने केंद्र बलों को वापस बुलाने की मांग की है। बता दें, नेशनल हाईवे-2 देश के बाकी के हिस्सों को जोड़ने का महत्वपूर्ण हाईवे है।
समिति के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे लोगों ने बहुत कुछ सहा है। निहत्थी महिलाओं पर इतना ज्यादा बल का प्रयोग अस्वीकार्य है।" अगर नेशनल हाईवे-2 ज्यादा समय तक जाम रहा तो इससे इंफाल घाटी के मेइती क्षेत्रों में वस्तुओं की आपूर्ति में अड़चन आ सकती है। इसे लेकर आदिवासी नेताओं के मंच आईटीएलएफ की महिला शाखा ने बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सुरक्षाकर्मियों की ओर से बल प्रयोग में कई महिलाएं जख्मी हुई हैं।
Created On :   1 Jan 2025 3:28 AM IST