बड़े जुर्म से पहले करता था ये काम: लॉरेंस बिश्नोई गैंग करती थी व्यापारियों से वसूली, यहां करती थी वसूली का पैसा खर्च, जानें किन राज्यों में फैला लॉरेंस साम्राज्य

लॉरेंस बिश्नोई गैंग करती थी व्यापारियों से वसूली, यहां करती थी वसूली का पैसा खर्च, जानें किन राज्यों में फैला लॉरेंस साम्राज्य
  • लॉरेंस बिश्नोई करता था वसूली
  • बड़े-बड़े व्यापारियों से वसूलता था पैसा
  • इन जगहों पर करता था खर्च

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने लॉरेंस बिश्नोई के अलावा कई और गैंगस्टर्स के बारे में बड़े खुलासे किए हैं। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में गैंगस्टर की वसूली और उस वसूली के पैसे को खर्च करने के बारे में कई जानकारियां दी हैं। एनआईए का कहना है कि हाईप्रोफाइल लोगों की हत्याएं करने वाली लॉरेंस बिश्नोई की गैंग शुरू में शराब कारोबारियों के साथ और कई लोगों से जबरदस्ती वासूली का काम करती थी।

चार्जशीट में दी जानकारियां

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में एनआईए की चार्जशीट में बताया गया है कि बिश्नोई गैंग अलग-अलग जगहों और लोगों से जबरदस्ती वसूली करता था। जिसमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में ट्रक ऑपरेटर, शराब कारोबारी, व्यापारी के अलावा मंडियां भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसी ने कहा है कि, "जांच में पता चला है कि साल 2019-2021के बीच गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने हवाला की मदद से वसूली का पैसा कनाडा और थाईलैंड भेजा था।"

वसूले वाले पैसों से क्या करता था?

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई वसूली का पैसा हवाला की मदद से कनाडा और थाईलैंड भेजता था। इसके अलावा खेती की जमीन में, प्लॉट खरीदने और बनवाने में, हथियार खरीदने में और लॉजिस्टिक्स में लगाता था।

मंडी में भी करता था वसूली

रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसी ने बताया कि, गुरुग्राम की खांडसा मंडी वसूली की एक बड़ी हब थी। एजेंसी ने गैंगस्टर कौशल चौधरी की भी बात की है। उसमें बताया है कि, "साल 2010 से गैंगस्टर जबरदस्ती वसूली के लिए मंडी का उपयोग आसान तरीके से करता था। शुरू में वसूली व्यवस्थित नहीं थी और अपराधी अपने साथियों के साथ सड़क किनारे बैठे व्यापारियों से वसूली करते थे।"

आगे कहा गया कि, "जांच में पता चला है कि हर ट्रक ऑपरेटर को हर महीने कौशल चौधरी सिंडिकेट को करीब 25 हजार रुपये देने होते थे।" रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि ट्रक और जनरेटर ऑपरेटर को गैंग को हर महीने 1 लाख 25 हजार से ज्यादा रुपये देने होते थे।

Created On :   18 Oct 2024 6:20 AM GMT

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