भारत ने फिर रचा किर्तिमान: नए साल से पहले ISRO को मिली बड़ी कामयाबी, स्पैडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक किया लॉन्च

नए साल से पहले  ISRO को मिली बड़ी कामयाबी, स्पैडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक किया लॉन्च
  • अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने रचा किर्तिमान
  • स्पैडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक किया लॉन्च
  • अमेरिकी, रूस और चीन जैसे देशों की लिस्ट में आया भारत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने साल 2025 के आगाज से पहले इतिहास रह दिया है। सोमवार को इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसलवी के तहत अंतरिक्ष डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।

इसरो ने स्पैडेक्स मिशन को किया लॉन्च

बता दें, पीएसएलवी द्वारा स्पैडेक्स मिशन को लॉन्च किया गया है। इस लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के जरिए अंतरिक्ष में डॉकिंग के प्रदर्शन कराया जाएगा। इस संबंध में इसरो का कहना है कि स्पैडेक्स मिशन के जरिए दो छोटे अंतरिक्ष यानों (एसडीएक्स01 और एसडीएक्स02) के पृथ्वी की नचली वृत्ताकार कक्षा में मिलन, डॉकिंग और अनडॉकिंग से संबंधित महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी का विकास और प्रदर्शन करना है।

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में इसरो ने इस मिशन को महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है। इसरो की ओर से जारी बयान में कहा गया, "अपने छोटे आकार और द्रव्यमान की वजह से स्पैडेक्स और भी अधिक चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि दो बड़े अंतरिक्ष यान को डॉक करने की तुलना में मिलन और डॉकिंग युद्धाभ्यास के लिए अधिक सूक्ष्म परिशुद्धता की जरूरत होती है। यह मिशन पृथ्वी से जीएनएसएस के समर्थन के बिना चंद्रयान-4 जैसे भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए जरूरी ऑटोनोमस डॉकिंग का अग्रदूत होगा।"

इसरो ने जारी किया स्टेटमेंट

इसके बाद इसरो ने कहा, "स्पाडेक्स कक्षीय डॉकिंग में भारत की क्षमता स्थापित करने का एक महत्वाकांक्षी मिशन है, जो भविष्य में मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन और उपग्रह सेवा मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है।" इससे पहले स्पैडेक्स मिशन 30 दिसंबर 2024 की रात 9.58 बजे पर रखी गई थी। हालांकि, बाद में इसरो अधिकारियों ने इसकी लॉन्चिंग 10 बजे तक पोस्टपोन कर दी। फिलहाल, इस मिशन को लॉन्च करने से जुड़ी कोई ऑफिशियल जानकारी सामने नहीं आई है।

अंतरिक्ष में डॉकिंग के संबंध में एक किफायती प्रोद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है। इस मिशन के साथ ही भारत, चीन, रूस और अमेरिकी समेत अन्य देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है। दरअसल, 'स्पेस डॉकिंग' तकनीक का तात्पर्य अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ने की तकनीक से है।

अमेरिकी, चीन और रूस जैसे देशों की लिस्ट में भारत

अंतरिक्ष में डॉकिंग के संबंध में एक प्रभावी लागत से लैस प्रोद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है। इस मिशन के साथ ही भारत, चीन, रूस और अमेरिकी समेत अन्य देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है। दरअसल, 'स्पेस डॉकिंग' तकनीक का तात्पर्य अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ने की तकनीक से है। ‘स्पेस डॉकिंग’ तकनीक का मतलब होता है अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ने की तकनीक। इस तकनीक की मदद से मानव को एक अंतरिक्ष यान से दूसरे अंतरिक्ष यान में भेजने मुमकीन हो जाता है।

Created On :   31 Dec 2024 12:12 AM IST

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