ISRO SpaDeX Mission: स्पेस में दो सेटेलाइट जोड़ने वाला इसरो का डॉकिंग मिशन टला, 7 जनवरी नहीं अब इस दिन होगा परीक्षण

स्पेस में दो सेटेलाइट जोड़ने वाला इसरो का डॉकिंग मिशन टला, 7 जनवरी नहीं अब इस दिन होगा परीक्षण
  • स्पेडएक्स डॉकिंग मिशन को लेकर सामने आई अहम जानकारी
  • 7 जनवरी नहीं अब 9 जनवरी को होगा परीक्षण
  • भारत बन सकता है ऐसा करने वाला चौथा देश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय स्पेस रिसर्च एजेंसी ने अपने स्पेडएक्स मिशन के डॉकिंग परीक्षण को टाल दिया है। पहले यह परीक्षण 7 जनवरी को की जानी थी। लेकिन इसके महज एक दिन पहले यानी सोमवार 6 जनवरी को उन्होंने अपने आधिकारीक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए इस परीक्षण के तारीख के टलने की जानकारी दी। बता दें, अब यह परीक्षण 9 जनवरी को की जाएगी। हालांकी, इसरो ने इस परीक्षण के तारीख के टलने की वजह का खुलासा नहीं किया है।

भारत बन सकता है ऐसा करने वाला चौथा देश

इसरो अपने इस स्पेडएक्स डॉकिंग मिशन के तहत दो उपग्रहों को धरती के निचले कक्ष में जोड़ने वाला था। जानकारी के लिए बता दें, दुनियाभर में यह तकनीक केवल तीन देश के पास है। इनमें अमेरिका, रूस और चीन शामिल हैं। अगर भारत का ये मिशन कामयाब रहता है तो ऐसा कमाल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

क्या है डॉकिंग तकनीक?

दरअसल, भारतीय स्पेस रिसर्च एजेंसी ने बीते 30 दिसंबर को इस मिशन को लॉन्च किया था। बता दें, इसरो ने पीएसएलवी- सी60 रॉकेट के जरिए 220 किलोग्राम वजनी एसडीएक्स-01 (चेजर) और एसडीएक्स-02 (टारगेट) नामक दो उपग्रहों को धरती से 475 किलोमीटर दूर ऑरबिट में स्थापित किया था। ये दोनों सैटेलाइट वहां डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करने वाले थे। जानकारी के लिए बता दें, ये तकनीक दो सैटेलाइट को स्पेस में एक दूसरे से जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

क्यों जरूरी है ये परीक्षण?

भारत के लिए ये मिशन कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल, भारत आने वाले समय में अपना खुद का एक अंतरिक्ष स्टेशन लॉन्च करने की तैयारी में है। जिसके लिए उन्हें डॉकिंग तकनीक की जरूरत होगी। इसके अलावा यह डॉकिंग तकनीक स्पेस और चंद्रमा से सैंपल लाने में भी काफी मददगार साबित हो सकती है।

Created On :   6 Jan 2025 7:23 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story