इसरो नेविगेशन मिशन: इसरो के 100वें मिशन में आई गड़बड़, ऑर्बिट में स्थापित नहीं हो पाया है NVS-02, जानें इस मिशन से क्या होता फायदा?

- इसरो के नेविगेशन मिशन को लगा झटका
- NVS-02 नहीं हो पाया ऑर्बिट में स्थापित
- ऑर्बिट में आई एडजस्टमेंट की परेशानी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के नेविगेशन मिशन को बड़ा झटका मिला है। 29 जनवरी को GSLV-MK 2 रॉकेट की मदद से नेविगेशन सेटेलाइट NVS-02 भेजा गया था। लेकिन इसरो के मनचाहे ऑर्बिट में स्थापित नहीं हो पाया। एजेंसी के मुताबिक,अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स सही से काम करना बंद कर दिए थे, जिसके चलते ऑर्बिट एजजस्टेट्मेंट में परेशानी आई है।
इसरो ने दी ये जानकारियां
इसरो का ये मिशन अंतरिक्ष से संबंधित नेविगेशन सिस्टम के लिए बहुत ही आवश्यक था। इसके श्रीहरिकोटा के स्पेसकोर्ट से 29 जनवरी को लॉन्च कर दिया गया था। ये इसरो का श्रीहरिकोटा से 100वां अंतरिक्ष मिशन था जो कि फेल हो गया है। अगर ये मिशन फेल ना होता तो, इसरो का शतक पूरा हो जाता। इसरो की तरफ से बताया गया है कि, नेविगेशन सैटेलाइट ऑर्बिट में स्थापित नहीं हो पाई है।
मिशन सफल होने पर क्या फायदे मिलते?
इसरो की तरफ से आगे बताया गया कि, अगर ये मिशन जरूरी होता तो, इससे भारत में जीपीएस जैसी नेविगेशन सुविधा को बढ़ावा मिलता और ये कश्मीर से कन्याकुमारी, गुजरात और अरुणाचल प्रदेश तक का हिस्सा पूरा कवर कर लेता। इससे सड़क यात्रा के साथ समुद्री यात्रा का नेविगेशन भी आराम से हो जाता।
Created On :   3 Feb 2025 3:59 PM IST