आईएनएस 'अरिघात': चीन की हर चाल का करारा जवाब देगा 'अरिघात', एक बार में करेगा 4 हजार किमी तक वार, जानिए कब रखेगा समुद्र में कदम
- ईएनएस 'अरिघात' क्या है?
- अरिघात का क्या मतलब होता है?
- क्या है अरिघात की खूबियां?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने साल 1998 में परमाणु टेस्ट किया था। तब पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी। वाजपेयी जी का सपना था कि जल, थल और वायु सेना में परमाणु हथियारों की शक्ति को मजबूत किया जाए। वहीं आज उनका सपना सच होता नजर आ रहा है। परमाणु हथियार ले जाने में योग्य बैलिस्टिक मिसाइल से लैस पनडुब्बी 'आईएनएस अरिघात' को विशाखापट्टनम से नौसेना में शामिल किया गया है। आईएनएस 'अरिघात' नौसेना की ताकत और परमाणु प्रतिरोधक क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक बहुत अहम कदम कि ओर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
भारत में न्यूक्लियर ट्रायड मतलब जल-थल से परमाणु हमला करने की क्षमता थोड़ी मजबूत हुई है। आईएनएस 'अरिघात' भारत की रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने में समर्थ रहेगी। जिससे एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत का प्रभाव भी बढ़ेगा। चीन के साथ हो रहे सैनिकी टकराव के दौरान विश्वसनीय रणनीतिक बचाव के लिए ये बहुत ही आवश्यक है। अमेरिका की नौसेना के पास करीब 71 पनडुब्बियां है जिसमें से 14 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां हैं।
अरिघात शब्द का क्या मतलब है?
'अरिघात' शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। संस्कृत भाषा में इसका मतलब होता है, "दुश्मनों का संहार करने वाला।" भारत की यह दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी है जो कि विशाखापट्टनम के शिपयार्ड में बनाई गई है। आईएनएस 'अरिघात' में के-15 ब्लास्टिक मिसाइल लगी हुई है जो समुद्र से 750 किलोमीटर दूर तक वार कर सकती है। इसके अलावा भारतीय नेवी इस पनडुब्बी में के-4 मिसाइल भी लगाएगी जो 4000 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम होगी।
क्या हैं 'अरिघात' की खूबियां?
इस न्यूक्लियर पनडुब्बी का वजन करीब 6000 टन है। इसकी लंबाई करीब 111.6 मीटर है और चौड़ाई 11 मीटर है। साथ ही इसकी गहराई 9.5 मीटर है। इसकी रफ्तार की बात करें तो समुद्र की सतह पर इसकी रफ्तार 12 से 15 समुद्री मील यानी 22 से 28 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस पर के-15 और बीओ-5 शॉर्ट रेंज जैसी 24 मिसाइलें लगी हैं। 700 किलोमीटर दूर तक के टारगेट को आराम से हिट कर सकती है अरिघात। ये पनडुब्बी समुद्र के अंदर आराम से मिसाइल अटैक करने में सक्षम है। 'अरिघात' स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड का हिस्सा बनेगी जिसके चलते इसकी कमीशनिंग के बारे में ऑफिशियल जानकारी शेयर नहीं की गई है।
पनडुब्बी 'अरिदमन' आने वाली है जल्द
भारत में तीसरी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस 'अरिंदमन' निर्माण कर रहा है। इस पनडुब्बी में 3500 किलोमीटर तक मारने वाली के-4 मिसाइलें लगेंगी। अगले साल तक यह पनडुब्बी नौसेनी बेड़े में शामिल हो सकती है। परमाणु पनडुब्बी रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। क्योंकि ये महीनों तक पानी के अंदर रह सकती हैं। जिससे दुश्मन की नजर से बच कर हमला कर सकते हैं।
भारत है दुनिया का छठा न्यूक्लियर ट्रायड देश
अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के बाद भारत दुनिया का छठा न्यूक्लियर ट्रायड देश बन गया था। न्यूक्लियर हथियारों को जमीन में मिसाइलों की मदद से, हवा में फाइटर जेट की मदद से और समुद्र में पंडुब्बी की मदद से दागने की क्षमता को न्यूक्लियर ट्रायड कहते हैं।
Created On :   30 Aug 2024 2:19 PM IST