टैरिफ कटौती पर भारत: ट्रंप को लेकर चल रहे मसले का हल आया सामने, भारत सरकार ने दिया जवाब वाणिज्य सचिव ने बताई सारी बात

ट्रंप को लेकर चल रहे मसले का हल आया सामने, भारत सरकार ने दिया जवाब वाणिज्य सचिव ने बताई सारी बात
  • अमेरिका के राष्ट्रपति ने किया टैरिफ में कटौती का दावा
  • अमेरिका के साथ टैरिफ को लेकर नहीं हुआ समझौता
  • बातचीत अब भी है जारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से दावा किया गया है कि भारत अपने टैरिफ में कटौती करने को तैयार है। ट्रंप के इस बयान के बाद भारत ने कहा है कि अमेरिका के साथ टैरिफ को लेकर अब तक किसी भी तरह का समझौता नहीं हुआ है। इसको लेकर बातचीत अब भी जारी है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने संसदीय समिति को इस बारे में जानकारी दे दी थी।

मिली जानकारी के मुताबिक, बर्थवाल ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावों के बारे में विदेश मामलों की संसदीय समिति में बताया है। उन्होंने कहा है कि भारत अपने शुल्क को काफी कम करने के लिए सहमत हो गया है। इसके अलावा विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने चीन और यूरोप से संबंधित घटनाओं के बारे में संसदीय समिति में पूरी जानकारी प्राप्त करवाई है।

वाणिज्य सचिव का क्या है कहना?

भारत के टैरिफ कम करने पर सहमति जताए जाने वाले ट्रंप के दावे पर सांसदों ने चिंता जताई है। जिस पर वाणिज्य सचिव का कहना है कि कोई भी व्यक्ति इन दावों और मीडिया रिपोर्ट्स पर भरोसा नहीं कर सकता है क्योंकि दोनों देशों के बीच द्वीपक्षी व्यापार वार्ता अभी भी चल रही है। उन्होंने आगे बताया कि, भारत की तरफ से अमेरिका के साथ व्यापार शुल्क के मोर्चे पर किसी भी तरह की प्रतिबद्धता नहीं जताई गई है। जिसको लेकर कई सांसदों ने बर्थवाल से अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता पर सवाल किए गए हैं।

बर्थवाल ने संसदीय समिति से कहा कि व्यापार वार्ता के दौरान भारत के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। भारत शुल्क मुक्त व्यापार के पक्ष में है और व्यापार का उदारीकरण चाहता है, इससे दोनों देशों के बीच के व्यापार को बढ़ाने में मदद होगी। साथ ही उन्होंने बताया कि टैरिफ वॉर छिड़ने से अमेरिका के साथ अन्य कई देशों को लाभ नहीं मिलेगा।

चीन को लेकर सचिव का क्या है कहना?

बर्थवाल ने कहा है कि भारत द्विपक्षीय रूप से सीमा शुल्क कम कर सकता है, लेकिन बहुपक्षीय रूप से ऐसा नहीं हो सकता है। जिस वजह से द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर तेजी से काम चल रहा है। इस बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति को चीन और यूरोप के साथ भारत के संबंधों के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि दक्षिण-पूर्वी चीन में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध का निर्माण भारत के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है। क्योंकि चीन ने अपने बजट में इसके विकास को लेकर धनराशि निर्धारित की है।

Created On :   11 March 2025 5:16 PM IST

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