बिहार में बाढ़: नेपाल के पानी से साउथ बिहार में बाढ़, गंगा में उफान से नॉर्थ बिहार में पानी का कहर, जलस्तर और बढ़ने के आसार, अलर्ट पर प्रशासन

नेपाल के पानी से साउथ बिहार में बाढ़, गंगा में उफान से नॉर्थ बिहार में पानी का कहर, जलस्तर और बढ़ने के आसार, अलर्ट पर प्रशासन
  • बिहार में बाढ़ के चलते हाल-बेहाल
  • नीतीश कुमार ने किया हवाई सर्वेक्षण
  • चिराग पासवान ने बाढ़ पीड़ितों से की मुलाकात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद लगभग पूरा बिहार जलमग्न हो गया है। साउथ बिहार में बाढ़ जैसी स्थिति है। जिसके चलते लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। हर साल बाढ़ की चपेट में साउथ बिहार ही आता था। लेकिन इस बार गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से नॉर्थ बिहार में भी बाढ़ जैसे हालात हैं। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। उन्होंने हवाई सर्वेक्षण के जरिए स्थिति का अनुमान लगाया। सीएम ने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में तेजी लाने को कहा है।

सीएम नीतीश कोसी और गंडक नदी के कहर से प्रभावित इलाकों का भी दौरा करेंगे। बिहार के 16 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों में उफान के चलते इन सभी जिलों के 31 प्रखंडों की करीब 152 पंचायतें भी बाढ़ से प्रभावित हुई है। प्रभावित जिलों में मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, मधेपुरा, सारण और सहरसा शामिल हैं। इसके अलावा पटना, मोकामा, लखीसराय, बेगूसराय, मुंगेर, दरभंगा और भागलपुर जिले के कुछ इलाकों में भी बाढ़ जैसे हालात है। यहां धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।

9 लाख ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित

बिहार में बाढ़ से अब तक 9 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें कई लोगों के घर बाढ़ से पानी में डूब गए हैं। साथ ही, कई लोगों के घर पानी के तेज बहाव के चलते बह गए हैं। कई जगहों पर सड़क संपर्क भी टूट गया है। जिसके चलते कई लोगों को खाने-पीने की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के चलते लोग सड़क पर अपना आशियाना बनाने पर मजबूर हो गए हैं।

राहत-बचाव का कार्य तेज

बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 12 और एसडीआरएफ की 12 टीमों के अलावा वाराणसी से एनडीआरएफ की 3 टीमों को बुलाया गया है। 630 नावों को परिचालन किया जा रहा है। इसके जरिए स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिश की जा रही है। नावों के जरिए लोगों को खाने-पीने का सामान पहुंचाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी बिहार में आए बाढ़ की कई तस्वीरें वायरल हो रही है। बता दें कि, बिहार में 13 नदियों का जलस्तर रविवार को लाल निशान को पार हो गया। माना जा रहा है कि अगले 24 से 48 घंटे में बाढ़ की स्थिति में और ज्यादा बढ़ोत्तरी हो सकती है।

प्रधानमंत्री से केंद्रीय मंत्री चिराग ने किया आग्रह

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार में बाढ़ की स्थिति का सर्वे कर रहे हैं। चिराग पासवान ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को भी वर्तमान स्थिति से अवगत करवाऊंगा और बिहारियों की हर संभव मदद के लिए प्रयास करूंगा। चिराग पासवान ने आगे कि कहा कि नेपाल में भारी बारिश की वजह से कोसी बराज से पानी छोड़ने के बाद कोसी और मिथिलांचल क्षेत्र में स्थिति बहुत भयावह है, हम सबको राजनीतिक मतभेद मिटाकर एकजुट होकर बिहारियों की समस्या का समाधान निकालना होगा। आज सहरसा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। वहां के ग्रामीणों को राहत सामग्री वितरण किया साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी निर्देशित किया कि किसी भी प्रकार की कोई समस्या न उत्पन्न हो, इसका ख्याल रखा जाएं। बड़े स्तर पर सामूहिक किचन की भी व्यवस्था की गई है। आगे भी जो आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए, उठाए जाएंगे।

चौकन्ना रहें- पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव

बिहार में बाढ़ के हालात को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि नेपाल में हो रही निरंतर बारिश से कोसी के जलस्तर में वृद्धि के कारण कोसी बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए है। कोसी नदी का जलस्तर 56 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ सकता है। कोसी तटबंध के भीतर, बांध एवं नहर के नजदीक बसे क्षेत्रवासियों को सचेत, सतर्क, सावधान एवं सुरक्षित रहने का विनम्र आग्रह करता हूं। प्रशासन की तरफ़ से भी हाई अलर्ट जारी किया गया है। राजद के पार्टी कार्यकर्ता भी लोगों की सेवा के लिए तत्पर और सजग है। प्रशासन एवं सरकार से आग्रह है कि लगातार मॉनिटरिंग कर, चौकन्ना रहकर लोगों को सावधान करें एवं उन्हें सुरक्षित रखें।

Created On :   1 Oct 2024 10:46 AM GMT

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