केंद्रीय कैबिनेट के फैसले: नए साल पर किसानों को मिला तोहफा, खाद पर मिलेगी ज्यादा सब्सिडी, डीएपी के लिए नहीं चुकानी पड़ेगी ज्यादा कीमत

नए साल पर किसानों को मिला तोहफा, खाद पर मिलेगी ज्यादा सब्सिडी, डीएपी के लिए नहीं चुकानी पड़ेगी ज्यादा कीमत
  • साल की पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों पर हुई चर्चा
  • डीएपी के लिए चुकानी पड़ेगी कम कीमत
  • फसल बीमा योजना पर भी हुई चर्चा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए साल की पहली कैबिनेट बैठक में किसानों के हक में चर्चा की गई है। इसमें डीएपी फर्टिलाइजर बनाने वाली कंपनियों के लिए भी सरकार की तरफ से एक स्पेशल पैकेज को अनुमति दी गई है। इससे किसानों को डीएपी के लिए अधिक कीमत नहीं देनी होगी। साथ ही खाद पर भी ज्यादा सब्सिडी हासिल कर पाएंगे। डीएपी बनाने वाली कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी पर सरकार फाइनेंशियल मदद भी प्रदान करवाएगी। इन फैसलों का उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है। साथ ही किसानों को आर्थिक रूप से मदद देना है।

अब किसानों को 50 किलो वाला डीएपी बैग सिर्फ 1350 रुपए में किसानों को मिलेगा।साथ ही, जो भी अतिरिक्त खर्ज होगा उसे केंद्र सरकार उठाएगी। भारत सरकार इसके लिए 3850 करोड़ रुपए की सब्सिडी डीएपी कंपनियों को देगी।

कैबिनेट का दूसरा फैसला?

इसके अलावा कैबिनेट की मीटिंग में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि, केंद्र सरकार की कैबिनेट के फैसले के तौर पर पीएम फसल बीमा योजना के लिए 69515 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी गई है। जिसका लाभ 4 करोड़ किसानों को मिलेगा। यूनियन कैबिनेट के एक और फैसले के तहत बीमा योजना को किसानों के लिए और अच्छा बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। फसल बीमा योजना को आसान बनाने के लिए उसके नियम कानून को संशोधित किया जाएगा।

क्या है फैसले की खास बात?

ये पैकेज एक साल के लिए यानी 31 दिसंबर 2025 तक के लिए लागू रहेगा। सरकार ने डीएपी फर्टीलाइजर मेन्यूफैक्चर्रर्स को फाइनेंशियल सहायता देने के लिए इस पैकेज की मंजूरी दी है। साथ ही कच्चे माल की बढ़ती की भरपाई के लिए भी इस फैसले को लागू किया गया है।

डीएपी का मतलब?

डीएपी का मतलब डाइ-अमोनियम फॉस्फेट है। ये एक तरीके का फर्टिलाइजर है जो फसल और पौधों के लिए फास्फोरस और नाइट्रोजन का एक अहम सोर्स है। डीएपी को पानी में घोलकर बनाया जाता है।

Created On :   1 Jan 2025 5:35 PM IST

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