मध्यप्रदेश के मंदिरों में तय हो रहा है ड्रेस कोड
- मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड
- व्यक्तिगत आजादी पर धार्मिक पाबंदी
- पश्चिमी सभ्यता के वस्त्रों पर रोक
पहले हम बात करते हैं अशोकनगर शहर में लगभग दो शताब्दी पुराने तार वाले बालाजी मंदिर की। यह ऐसा मंदिर है जहां मंगलवार और शनिवार को श्रद्धालुओं की भीड़ बहुत ज्यादा रहती है। यहां कई लोग ऐसे वस्त्र धारण करके आते हैं जो परंपराओं के अनुकूल नहीं होते और वह मंदिर के धार्मिक माहौल पर भी असर डालते हैं, लिहाजा मंदिर के बाहर सर्व समाज की ओर से एक बोर्ड लगाया गया है जिसमें श्रद्धालुओं से अपील की गई है और कहा गया है कि मंदिर परिसर में मर्यादित वस्त्र पहनकर ही प्रवेश करें। हाफ पैंट, कैपरी, लोअर पर प्रतिबंध है। इतना ही नहीं महिलाओं से आग्रह किया गया है कि वह सिर ढंककर मंदिर में प्रवेश करें।
इसी तरह की पहल राज्य के अन्य स्थानों के मंदिर में भी शुरू हो गई है। राजधानी भोपाल के टीन शैड इलाके में प्लेटिनम प्लाजा के करीब स्थित मां वैष्णो धाम आदर्श नव दुर्गा मंदिर में भी मर्यादित कपड़े पहन कर आने का आग्रह किया गया है। यहां एक बोर्ड भी लगाया गया है जिसमें कहा गया है कि यहां पर मर्यादित वस्त्र ही पहनकर प्रवेश करें। छोटे वस्त्र, हाफ पैंट, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट पहनकर आने पर प्रवेश निषेध रहेगा।
राजधानी के जैन मंदिर में भी शालीन वस्त्र पहनकर आने का आग्रह करने की सूचना चस्पा की गई है। चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर ट्रस्ट ने पश्चिमी सभ्यता के वस्त्रों को मंदिर में पहन कर आने पर पूरी तरह रोक लगा दी है, इसके लिए मंदिर के द्वार पर भी एक बोर्ड लगाया गया है जिसमें कहा गया है कि पाश्चात्य वस्त्रों में आने वाले लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
आईएएनएस
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Created On :   20 Jun 2023 11:07 AM IST