कोलकाता रेप-मर्डर केस: जूनियर डॉक्टर्स के साथ कुछ देर में सीएम ममता की बैठक होगी शुरू, पांच मांग पर होगी चर्चा
- कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर सियासत जारी
- हाल ही में सीएम ममता ने इस्तीफे का किया था वादा
- आज होगी जूनियर डॉक्टर्स के साथ सीएम ममता की बैठक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोलाकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए हैवानियत को लेकर जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट का बीते कई दिनों से पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की ममता सरकार से पांच मांगे हैं। इन्हीं मांग को लेकर सारे स्वास्थ्य कर्मी बीते 35 दिनों से सड़कों पर उतर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसे लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर यह है कि शनिवार को फ्रंट की ओर से एक डेलिगेशन सीएम ममता से मिलने के लिए निकली। यह मीटिंग कोलकाता के कालीघाट स्थित मुख्यमंत्री आवास पर होगी।
आंदोलनकारी डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल सरकार को ईमेल भेज कर बैठक शुरू होगी। इससे पहले गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार की बुलाई गई बैठक में डॉक्टर नहीं पहुंचे, जबकि ममता बनर्जी इंतजार करती रही थीं। इसके बाद बातचीत फेल हो गई थी। फ्रंट ने सरकार से बात करने के चार शर्तें रखे हैं। उनकी पहली शर्त है कि आंदोलन में प्रतिनिधियों की संख्या 26 से बढ़ा कर 30 कर दी जाए। हालांकी, सीएम हाउस पर पहुंची डिलीगेशन में कितने लोग हैं, उसकी जानकारी नहीं है। उनकी दूसरी शर्त है कि आंदोलन के बाद डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने के लिए दवाब नहीं दिया जाए।
अपनी तीसरी शर्त में उन्होंने कहा कि बैठक का लाइव टेलीकास्ट किया जाए (इस बात की अब तक कोई स्पष्टता नहीं है) आखिर में उन्होंने सरकार के सामने रखी है कि यह बैठक सिर्फ उन पांच मांगो पर ही फोक्स्ड रहेगी।
पीड़िता की मां ने क्या कहा
इसी बीच आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पीड़िता की मां ने सीएम ममता बनर्जी को लेकर कहा, "केवल यह कहने के बजाय कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसे दंडित किया जाएगा, उन्हें और ज्यादा स्पष्ट होना चाहिए था। घटनास्थल पर सबूतों को नष्ट करने और केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी को ध्यान में रखते हुए, हम उम्मीद कर रहे थे कि सीएम इस मामले में ज्यादा स्पष्टता दिखाएंगी।"
आंदोलनकारी डॉक्टरों की पांच मांगें
1. ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद सबूतों को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय हो और उन्हें सजा दी जाए।
2. मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
3. कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफा दें।
4. स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
5. सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में "धमकी की संस्कृति" को खत्म किया जाए।
Created On :   14 Sept 2024 8:57 PM IST