आग में अधजले नोट: सीजेआई से मिले अलग अलग स्टेट की बार एसोसिएशन के वकील, जस्टिस वर्मा केस में दिया ज्ञापन

- ज्ञापन में एफआईआर दर्ज करने की मांग
- इलाहाबाद हाईकोर्ट की बार एसोसिएशन ने ट्रांसफर पर विचार करने की मांग की
- लखनऊ , गुजरात, केरल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश की जबलपुर पीठ के अधिवक्ता शामिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर आग में अध जली नोटों के मिलने के केस में गुरुवार को अलग-अलग स्टेट हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के वकील चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से मिलने के लिए देश की सर्वोच्च अदालत पहुंचे। वकीलों ने वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि सीजेआई ने आश्वासन दिया है कि वे जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर की कॉलेजियम की सिफारिश वापस लेने की वकीलों की मांग पर विचार करेंगे। जिन स्टेट के बार एसोसिएशन के वकील सीजेआई से मिलें उनमेंहाईकोर्ट इलाहाबाद, लखनऊ पीठ, गुजरात, केरल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश की जबलपुर पीठ के अधिवक्ता शामिल थे।
बार एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने सीजेआई समेत जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ से मुलाकात की। तिवारी ने बताया कि सीजेआई ने बार निकायों के ज्ञापन पर विचार विमर्श करने की बात कही। जबकि उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर विचार करेगा।
बार सदस्यों ने केस में पारदर्शिता अपनाने, दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट और अन्य सामग्री को टॉप कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक करने के फैसले की तारीफ की। बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति वर्मा के ट्रासंफर के साथ न्यायिक कार्यों के अतिरिक्त सभी प्रशासनिक कार्य भी वापस लेने की मांग की है। जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में 14 मार्च को रात करीब 11.35 बजे लगी आग के बाद भारी तादाद में नकदी मिली थी। विवाद के चलते कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को उनके पैतृक हाईकोर्ट इलाहाबाद भेजने की सिफारिश की। बार सदस्य इसी का विरोध कर रहे है। इसी के साथ ही सीजेआई ने तीन हाईकोर्ट के सीजे की टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए।
Created On :   27 March 2025 4:56 PM IST