Mission Chandrayaan-3: ISRO ने चांद का वीडियो किया जारी, लैंडिंग से पहले चंद्रयान-3 के लिए बेहद संवेदनशील, जानिए क्या है पूरा मामला?

Mission Chandrayaan-3: ISRO ने चांद का वीडियो किया जारी, लैंडिंग से पहले चंद्रयान-3 के लिए बेहद संवेदनशील, जानिए क्या है पूरा मामला?
  • थोड़ी ही दिन में इसरो रचने वाला है इतिहास
  • चंद्रयान-3 की तरह ही लूना-25 चांद पर पहुंचेगा

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। भारत का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चंद्रयान-3 अब कुछ ही दिनों में चांद की दक्षिणी सतह पर होगा। अगर सब कुछ सामान्य रहा तो भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जिन्होंने सफलतापूर्वक चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराया होगा। बीते दिन ही चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल से विक्रम लैंडर अलग हुआ था। अलग होने के बाद दोनों यान एक दूसरे के आगे पीछे चल रहे हैं। लैंडर, प्रोपल्शन मॉड्यूल से आगे चल रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने बीते दिन यानी 18 अगस्त को कुछ तस्वीरें और वीडियो अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर की थी। जिसमें चांद को काफी नजदीक से देखा जा सकता है।

इसरो के मुताबिक, 'चंद्रयान-3' 23 अगस्त को शाम करीब 5.45 बजे चांद की दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कर सकता है। चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहे लैंडर को लेकर इसरो ने बताया कि लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की स्थिति सामान्य है। एलएम ने सफलतापूर्वक डीबूस्टिंग ऑपरेशन किया। जिससे इसकी कक्षा 113 किमी x 157 किमी तक कम हो गई है। इसरो ने आगे कहा, दूसरा डिबॉस्टिंग ऑपरेशन 20 अगस्त 2023 को होगी। इसरो ने बताया कि, लैंडिंग जब तक नहीं होती तब तक चंद्रयान-3 के लिए चुनौती बनी हुई है।

14 दिनों तक सर्च अभियान करेगा लैंडर

इसरो ने 31 सेकंड का, चांद का वीडियो शेयर कर कहा, लैंडर इमेजर कैमरा-1 से चांद की कुछ तस्वीरें और वीडियो ली गई हैं। यह वीडियो और फोटो यान के लैंडर से प्रोपल्शन मॉड्यूल अलग होने की बाद का है। चंद्रयान-3 पर पुरी दुनिया की नजर है। रूस ने भी मिशन मून के तहत लूना-25 11 अगस्त को लॉन्च किया था। यह भारत की तरह ही चांद पर पानी की खोज करेगा लेकिन रसिया का यह मिशन भारत से काफी अलग है। क्योंकि भारत जहां चंद्रयान-3 के तहत दक्षिणी ध्रुव पर 14 दिनों तक सर्च अभियान चलाएगा जबकि रूस का लूना-25 एक साल तक चंद्रमा पर रहकर वहां की स्थिति का जायजा लेगा।

चंद्रयान-3 और लूना-25 बहुत जल्द चांद पर

चंद्रयान-3 की तरह ही रूस का लूना-25 भी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। रूस की स्पेस एजेंसी रासकास्माज ने भारत को आश्वसान दिया है कि, लूना-25 की वजह से चंद्रयान-3 में किसी तरह की कोई रुकावट नहीं आएगी। जानकारी के मुताबिक, चंद्रयान-3 और रूस की लूना-25 की दूरी कुछ ही किलोमीटर रहने वाली है। यानी दो देशों का यान एक साथ चंद्रमा पर पानी और खनिज पदार्थों की खोज करने वाले हैं।

Created On :   19 Aug 2023 4:19 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story