जर्मनी: सीडीयू नेता फ्रेडरिक मर्ज की बंपर जीत का जर्मनी और भारत के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा - एकरमैन

- भारत जर्मनी का बहुत महत्वपूर्ण साझेदार
- जर्मनी में आखिरी कंजर्वेटिव चांसलर एंजेला मर्केल थीं
- जर्मनी की विदेश नीति में निरंतरता बनी रहती है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में जर्मन के राजदूत फिलिप एकरमैन ने दोनों देशों के संबंधों को लेकर कहा कि नए शासन में भी जर्मनी की विदेश नीति में यूरोपीय एकता, ट्रांसाटलांटिक रिलेशन और भारत जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ संबंधों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा भारत के प्रति जर्मनी के रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा।
जर्मनी में हाल ही संपन्न हुए आम चुनावों में सीडीयू के नेता फ्रेडरिक मर्ज की बंपर जीत हुई है। उनकी जीत का जर्मनी और भारत के संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसे लेकर दुनियाभर में चर्चाएं शुरु हो गई है। भारत जर्मनी का बहुत महत्वपूर्ण साझेदार है। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले महीनों में जर्मन सरकार के मेंबर भारत की यात्रा कर सकते है।
जर्मनी के राजदूत ने कहा नई सरकार से भी मुझे ऐसे ही संबंधों की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा भारत के प्रति जर्मनी का रुख और विश्वास में कोई फेरबदल नहीं होगा। एकरमैन ने कहा कि फ्रेडरिक मर्ज कंज़र्वेटिव पार्टी के चीफ थे। सहयोगी गठबंधन के साथ आशंका जताई जा रही है कि वे नए जर्मन चांसलर होंगे। आपको बता दें जर्मनी में आखिरी कंजर्वेटिव चांसलर एंजेला मर्केल थीं, जिनके भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के साथ बहुत अच्छे संबंध थे।
विदेश नीति को लेकर जर्मनी के राजदूत ने कहा कि यह कहना आसान है कि जर्मनी में विदेश नीति आम सहमति पर निर्धारित होती है। जर्मनी की विदेश नीति में निरंतरता बनी रहती है, चाहे वह कंजर्वेटिव पार्टी हो या वामपंथी दल की सरकार हो।
Created On :   27 Feb 2025 7:40 PM IST