Bijapur Naxalite attack: मुठभेड़ में रहते हैं सबसे आगे, स्थानीय युवाओं से लेकर पूर्व नक्सली होते हैं शामिल, जानिए कौन होते हैं डीआरजी जवान जो बीजापुर में हुए शहीद

मुठभेड़ में रहते हैं सबसे आगे, स्थानीय युवाओं से लेकर पूर्व नक्सली होते हैं शामिल, जानिए कौन होते हैं डीआरजी जवान जो बीजापुर में हुए शहीद
  • बीजापुर में नक्सलियों ने किया बड़ा हमला
  • आईईडी ब्लास्ट कर सुरक्षाकर्मियों के वाहन को उड़ाया
  • 2008 में हुआ था डीआरजी का गठन

डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को नक्सलियों ने जवानों के वाहन को ब्लास्ट कर उड़ा दिया। हमले में 8 जवान शहीद हो गए। ये सभी जवान डीआरजी याद डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड का हिस्सा थे, जिन्हें अबूझमाड़ के जंगलों से एंटी नक्सल ऑपरेशन से लौटने के दौरान निशाना बनाया गया।

डीआरजी..इस टीम का गठन मुख्य रूप से नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन करने के लिए किया गया था। दरअसल, करीब डेढ़ दशक पहले राज्य सरकार को यह लगा था कि नक्सलियों का मुकाबला करने के लिए सुरक्षाबल ही काफी नहीं हैं, तो डीआरजी के रूप में राज्य पुलिस में एक नई यूनिट बनाई गई थी।

तब छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने यह निर्णय लिया कि नक्सलियों के बीच से ही एक ऐसी फोर्स बनाई जाए, जो उन्हें करीब से जानते हों, क्योंकि ऐसे ही लोग उनके नेटवर्क को अच्छे से समझ सकते हैं और उसे तोड़ सकते हैं। उस समय नक्सलियों का नेटवर्क हर गली-मोहल्ले में था। कहीं भी कुछ भी हो, नक्सलियों को इसकी खबर तुरंत मिल जाती थी।

उस वक्त नक्सली बड़े हमले करके आसानी से भाग जाया करते थे। उन्हें पकड़ना सुरक्षाबलों के लिए काफी मुश्किल होता था। इसी को देखते हुए सरकार ने डीआरजी का गठन किया। सबसे पहले इस यूनिट का गठन नक्सल प्रभावित जिले नारायणपुर में साल 2008 में हुआ। इसके बाद इसमें जवानों की भर्ती की गई। इसके बाद आखिरी बार भर्ती सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में हुई थी।

बता दें कि डीआरजी फोर्स में स्थानीय युवाओं को भर्ती किया जाता है। उसकी वजह है कि ये युवा स्थानीय भाषा और भौगोलिक स्थिति से अच्छी तरह से परिचित होते हैं। इनके अलावा सरेंडर किए हुए नक्सलियों को भी इस यूनिट में भर्ती किया जाता है। जिससे कि वे अपने पुराने साथियों की रणनीति जान सकें। मौजूदा समय की बात करें तो डीआरजी में करीब 2 हजार जवान हैं जो कि माओवादियों की तलाश में रहते हैं। जब भी नक्सिलों से मुठभेड़ होती है इसमें डीआरजी के जवान सबसे आगे होते हैं।

Created On :   7 Jan 2025 3:13 AM IST

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