आदित्य एल-1 मिशन: आदित्य एल-1 को लेकर आई बुरी खबर, खतरनाक सौर तूफान से हो सकता है सामना! नासा ने वीडियो जारी कर किया आगाह

आदित्य एल-1 को लेकर आई बुरी खबर, खतरनाक सौर तूफान से हो सकता है सामना! नासा ने वीडियो जारी कर किया आगाह
  • आदित्य एल-1 का होने वाला है संकट से सामना!
  • सौर तूफान से हो सकती है भिड़ंत!
  • नासा ने दी चेतावनी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। इसरो के मुताबिक, यह यान पृथ्वी के ऑर्बिट से बाहर निकलकर एल-1 पॉइंट (जहां पृथ्वी और सूर्य का बैलेंस बराबर हो जाता है) की ओर रवाना हो चुका है। इस बीच अमेरिकी स्पेस रिसर्च एजेंसी नासा ने एक वीडियो जारी कर आदित्य एल-1 को एक बड़े खतरे से आगाह किया है। नासा का कहना है कि आदित्य एल-1 सूर्य के सीएमई यानी कोरोनल मास इंजेक्शन से टकरा सकता है। एजेंसी के मुताबिक पिछले साल नासा का सूर्य मिशन पार्कर सोलर प्रोब की टक्कर भी सीएमई से हो गई थी। हालांकि इस भीषण टक्कर के बाद वह किसी तरह से सुरक्षित निकल गया था। बता दें कि सीएमई एक तरह के धूमकेतू और क्षुद्रग्रहों के धूलकण होते हैं जो सूर्य की एनर्जी से टकराने के बाद बेहद खतरनाक हो जाते हैं।

नासा के इस बयान के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या आदित्य एल-1 की भिड़ंत भी ऐसे ही किसी सीएमई से हो सकती है? और अगर यह टक्कर होती है तो क्या यान इससे बच जायेगा या फिर उसे कोई बड़ा नुकसान होगा?

भटक सकता है यान

स्पेस एजेंसी नासा ने अपने एक ब्लॉग में बताया कि बीते कुछ समय से सौर गतिविधियों में काफी बदलाव आए हैं। इन बदलावों का असर पृथ्वी समेत सौर मंडल के अन्य गृहों पर भी पड़ रहा है। एजेंसी के मुताबिक, उनका सूर्य मिशन पार्कर सोलर प्रोब भी एक ताकतवर सीएमई से टकराया था। एजेंसी ने बताया कि उनके मिशन से पहले और कोई यान इन सीएमई से नहीं बच पाया है।

सीएमई दरअसल प्लाज्मा और चुंबकीय इलाके के बादल होते हैं जो सूर्य से निकलते हैं। यह एक तरह के सौर तूफान होते हैं जो सौर मंडल के किसी भी ग्रह की तरफ से जा सकते हैं। इन तूफानों से सूर्य मिशन पर गया यान बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। यदि यान की टक्कर इस खतरनाक तूफान से हो जाए तो इसका नेविगेशन सिस्टम फेल हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप वह भटक भी सकता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आदित्य एल-1 को भी ऐसे ही तूफानों का सामना करना पड़े।

हालांकि नासा के सूर्य मिशन यान पार्कर और इसरो के आदित्य एल-1 की तुलना करें तो इनमें काफी अंतर है। जहां पार्कर को सूर्य के बेहद करीब जाकर शोध करना है तो वहीं आदित्य एल-1 को सूर्य से 15 लाख किलोमीटर दूर रहकर ही शोध करना है। जिस वजह से यह भी हो सकता है इसरो के यान को ऐसे खतरनाक सौर तूफानों का सामना न भी करना पड़े।

Created On :   21 Sept 2023 4:47 PM IST

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