संघ से नाराज शंकराचार्य: मोहन भागवत पर क्यों भड़क गए अविमुक्तेशवरानंद सरस्वती? जानें RSS चीफ के किस बयान पर हुआ विवाद
- आरएएसएस से नाराज हुए शंकराचार्य
- संघ प्रमुख मोहन भागवत पर भड़के अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
- आरएएसएस चीफ के इस बयान पर लगा तिनमिना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शनिवार को आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान पर तीखा पलटवार किया है। दरअसल, उन्होंने आरएएस चीफ के देश में खोदने का सिस्टम बंद करने वाले बयान को गलत ठहराया है। आचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हिंदू समाज से ऐसा वो ही कह सकता है, जो हिंदू समाज के लिए समर्पित हो और हिंदू समाज के लिए काम करता हो।
मोहन भागवत पर भड़के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
न्यूज तक रिपोर्ट के मुताबिक, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम की संस्था ने न जाने कितनी बार ये बयान दिया है कि वह अलग तरह के सामाजिक संगठन हैं। इस हिसाब से वह हिंदू संगठन है ही नहीं तो हिंदुओं को निर्देश देने का उनका कोई अधिकार नहीं बनता है। अनाधिकार चेष्टा कोई भी करे वह तात्पर्य हीन होती है। इसलिए, जो हिंदुओं की भावना को समझता होगा हम उसकी सराहना करेंगे। अगर कोई भी, जो कहता है कि हम हिंदू संगठन है ही नहीं है तो हम उनकी बात क्यों मानेंगे।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भारत खोदो अभियान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "पुरातत्व विभाग को बंद कर दो, उत्खनन के जितने कार्यक्रम सरकार चला रही है वो सब बंद करवा देना चाहिए। सरकार उत्खनन क्यों करवाती है। सरकार हमारे टैक्स के पैसे का अरबों रुपया खर्च करती है। जगह-जगह वैज्ञानिक उत्खनन क्यो करते हैं। इतिहास जानने के लिए। हम कहीं पर खोदने की मांग करते हैं तो उसके लिए हमको मना कर दिया जाता है। जब उत्खनन का सरकारी काम सही हो सकता है तो हमारी ओर से जो मांग की जा रही है वो गलत कैसे है।"
भारत खोदो अभियान पर जताई नाराजगी
इसके बाद उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उत्खनन के लिए अनुमति दीजिए सब कुछ दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अयोध्या से शुरू होकर खुदाई का मामला काशी, मथुरा, संभल, अजमेर और मध्य प्रदेश के धार पहुंच गया है इसको लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “जहां तक हमारे ऊपर अत्याचार हुआ होगा उसकी सच्चाई को जानने के लिए जाएंगे. जहां तक हमारे ऊपर अत्याचार की कहानी हमको सुनाई देगी हम उसके बारे में जानना चाहेंगे।"
Created On :   11 Jan 2025 10:23 PM IST