असम कोयला खदान हादसा: 96 घंटों से खदान में फंसे 8 लोग, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, मजदूरों को निकालने के लिए अब तक कौन से उठाए गए कदम? जानें हादसे की फुल स्टोरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में स्थित कोयला खदान में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का कार्य जारी है। 90 घंटे से ज्यादा हो गए हैं लेकिन 8 मजदूर अभी अपनी जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। दरअसल, 6 जनवरी (सोमवार) को भी मजदूर हर दिन की तरह ही काम कर रहे थे तभी अचानक कोयला खदान में पानी भर गया। जिसके चलते 9 मजदूस वहीं फंसे रह गए। जिनमें से एक मजदूर का शव 8 जनवरी को बरामद किया गया था। चलिए जानते हैं मजदूरों को निकालने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं? साथ ही, इस हादसे से जुड़े तमाम अपडेट।
#WATCH दीमा हसाओ, असम: उमरंगसो क्षेत्र में एक कोयला खदान में फंसे 8 लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है। pic.twitter.com/ueosbSxfZ0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 10, 2025
कैसे हुआ हादसा
आपको बता दें, 300 फीट गहरे कोयला खदान में मजदूर काम कर रहे थे। वहां अचानक पानी भरने से 9 लोग वहीं फंस गए। सूचना मिलते ही एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीम ने संयुक्त बचाव अभियान शुरू किया। बाद में भारतीय सेना भी हरकत में आ गई ताकि लोगों को जल्द से जल्द खदान से बचाया जा सकते।
हेलीकॉप्टर की ली जा रही मदद
मजदूरों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर्स की भी मदद ली जा रही है। इसी के साथ मेडिकल टीम भी घटनास्थल पर मौजूद है ताकि मजदूरों का इलाज किया जा सके।
खदान की हो रही सफाई
300 फीट कोयला खदान में 100 फीट पानी भरा गया जिसे निकालने का कार्य जारी है। खदान की सफाई हो रही है ताकि फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में आसानी हो।
1 शव बरामद
खदान में फंसे नौ लोगों में से 1 मजदूर के शव को 8 जनवरी को बाहर निकाला गया। वहीं, 8 लोग अभी भी खदान में फंसे हुए हैं।
मालिक गिरफ्तार
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने खदान के मालिक पुनीश नुनिसा को भी गिरफ्तार कर लिया है।
रैट होल माइनिंग के वक्त तो नहीं हुआ हादसा?
न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस चीज को लेकर चर्चा हो रही है कि असम का यह हादसा रैट-होल माइनिंग के वक्त घटित हुआ हो। हालांकि, इस बात की अभी तक आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है।
रैट होल माइनिंग क्या है?
रैट होल माइनिंग, खनिजों को निकालने की एक बेहद खतरनाक प्रक्रिया है। इसके लिए लोग हाथों से या मामूली औजारों की मदद से पतली सी सुरंग बनाते हैं और फिर उसमें जाते हैं। यह सुरंग कितनी सकरी होती है इसका अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि इस सुरंग में या तो रेंगकर आगे जा सकते हैं या पीछे आ सकते हैं। इसमें जान का बहुत खतरा होता है। इसी खतरे को देखते हुए एनटीए (NTA) ने रैट होल माइनिंग को साल 2014 में ही बैन कर दिया था। असम में हुआ हादसा भी रैट होल माइनिंग के दौरान हुआ या नहीं इसकी कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। इसको लेकर सिर्फ अटकलें ही हैं।
Created On :   10 Jan 2025 3:28 PM IST