फैसला बरकरार: बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से एक और झटका, योग शिविरों पर लगेगा सर्विस टैक्स, 4.5 करोड़ चुकाने का आदेश

बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से एक और झटका, योग शिविरों पर लगेगा सर्विस टैक्स, 4.5 करोड़ चुकाने का आदेश
  • बाबा रामदेव की बढ़ी मुश्किलें
  • योग शिविर के लिए चुकाना होगा सर्विस टैक्स
  • एससी ने बरकरार रखा सीईएसटीएटी का फैसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। भ्रामक विज्ञापन केस से जुड़े अवमानना केस में राहत नहीं मिलने के बाद अब उच्चतम न्यायालय से एक अन्य केस में झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बाबा रामदेव के योग सिविर सर्विस टैक्स के दायरे में आएंगे। बाबा रामदेव के योग सिविरों को आयोजित करने वाली 'पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट' को अब इन आयोजनों के लिए सर्विस टैक्स देना होगा। सर्विस टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्राइब्यूनल के फैसले को बरकरार रखते हुए योग सिविरों पर सर्विस टैक्स लगाने को जायज ठहराया है।

हस्तक्षेप करने से इंकार

मामले पर सुनवाई कर रही जस्टिस ओक और जस्टिस भुइयां की पीठ ने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट की अपील खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा, "सर्विस टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल ने सही कहा है। प्रवेश शुल्क लेने के बाद तो शिविरों में योग एक सेवा है। हमें ट्राइब्यूनल के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है। लिहाजा पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट की अपील खारिज की जाती है।" इसी के साथ अदालत ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) की इलाहाबाद पीठ के 5 अक्टूबर, 2023 के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

ट्रस्ट को चुकाना पड़ेगा 4.5 करोड़

सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, मेरठ रेंज के आयुक्त ने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट से अक्टूबर 2006 से मार्च 2011 तक लगाए गए ऐसे शिविरों के लिए जुर्माना और ब्याज समेत लगभग 4.5 करोड़ रुपये सेवा कर भरने का आदेश दिया था। इस पर ट्रस्ट ने दलील दी थी कि वह ऐसी सेवाएं प्रदान कर रहा है, जो बीमारियों के इलाज के लिए है और यह 'हेल्थ एंड फिटनेस सर्विस' कैटेगरी के तहत टैक्स योग्य नहीं है। ट्राइब्यूनल ने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के इस दलील को खारिज करते हुए कहा था कि ट्रस्ट का यह दावा किसी भी सकारात्मक सबूत द्वारा समर्थित नहीं है कि वह व्यक्ति को होने वाली विशिष्ट बीमारियों के लिए उपचार प्रदान कर रहा है।

Created On :   21 April 2024 12:42 PM IST

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