रामलला प्राण प्रतिष्ठा: आडवाणी को याद आए रथ यात्रा के दिन, बताया पीएम नरेंद्र मोदी की थी क्या जगह, पत्र लिख हुए भावुक

आडवाणी को याद आए रथ यात्रा के दिन, बताया पीएम नरेंद्र मोदी की थी क्या जगह, पत्र लिख हुए भावुक
  • रामलाल प्राण प्रतिष्ठा से पहले आडवाणी ने लिखी चिट्ठी
  • 1990 की राम रथ यात्रा को किया याद
  • 500 साल पहले की घटना पर जताया दुख

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिए आयोध्या में जोरों शोरों से तैयारियां चल रही हैं। इस बीच देश में राम मंदिर की नींव डालने वाले प्रमुख चेहरों में से एक बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने प्राण प्रतिष्ठा को लेकर एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने 1990 में निकाली गई राम रथ यात्रा का जिक्र किया है। बता दें कि साल 1990 में राम जन्मभूमि के समर्थन में बीजेपी ने पूरे देश में रथ यात्रा निकाली थी। जिसका नेतृत्व बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने किया था। इस रथ यात्रा को 33 साल हो गए हैं, जिसे याद करते हुए आडवाणी सोमनाथ से अयोध्या तक के अपने यादगार सफर में घटी कई घटनाओं का जिक्र किया है।

1990 के दशक को किया याद

बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने अपनी चिट्ठी में लिखा, 'नियति ने मुझे 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक श्रीराम रथयात्रा के रूप में एक महत्वपूर्ण कर्तव्य निभाने का अवसर दिया। मेरा मानना है कि कोई भी घटना अंतत: वास्तविकता में घटित होने से पहले व्यक्ति के मन-मस्तिष्क में आकार लेती है। उस समय मुझे लग रहा था कि नियति ने यह निश्चित कर दिया है कि एक दिन अयोध्या में श्रीराम का एक भव्य मंदिर अवश्य बनेगा।'

पीएम मोदी का किया जिक्र

चिट्ठी में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पीएम मोदी का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा 'रथ यात्रा को 33 साल पूरे हो रहे हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस वक्त मेरे साथ थे। उस समय नरेंद्र मोदी ज्यादा प्रसिद्ध नहीं थे लेकिन नियति ने उन्हें भगवान राम का भव्य मंदिर बनाने के लिए चुन लिया था।'

इस घटना पर जताया दुख

आडवाणी ने 1528 के दशक में मुगल शासक बाबर द्वारा राम मंदिर पर कराए गए हमले पर दुख जताया। उन्होंने कहा 'दुखद है कि सोमनाथ के समान ही, अयोध्या में श्रीराम के जन्मस्थान पर बना मंदिर भी मुगल साम्राज्य की स्थापना करने वाले आक्रमणकारी बाबर के हमले का निशाना बन गया था। 1528 में बाबर ने अपने कमांडर मीर बाकी को अयोध्या में एक मस्जिद बनाने का आदेश दिया, ताकि उस स्थान को फरिश्तों के अवतरण का स्थान बनाया जा सके, इसलिए एक नाम बाबरी मस्जिद पड़ा।'

Created On :   13 Jan 2024 7:51 PM IST

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