साहित्य जागृति सम्मान: 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से 9 रचनाकार सम्मानित, जावेद अख्तर को लाइफ टाइम, अमीश, ज्ञान चतुर्वेदी और नासिरा शर्मा का भी सम्मान

आजतक साहित्य जागृति सम्मान से 9 रचनाकार सम्मानित, जावेद अख्तर को लाइफ टाइम, अमीश, ज्ञान चतुर्वेदी और नासिरा शर्मा का भी सम्मान
  • इंडिया टुडे समूह ने 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' 9 रचनाकारों को प्रदान किए
  • साहित्य और भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए दिया गया सम्मान
  • इस समारोह की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साहित्य और भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए इंडिया टुडे समूह ने 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' 9 रचनाकारों को प्रदान किए। साहित्य आजतक के दौरान एक भव्य समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 8 श्रेणियों के तहत कुल 9 रचनाकारों को यह सम्मान प्रदान किया।

जीवन भर साहित्य सेवाओं के लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड लेखक, गीतकार, कवि और पद्मश्री, पद्म भूषण से सम्मानित जावेद अख़्तर को दिया गया। इस सम्मान के तहत उन्हें 11 लाख रुपए की सम्मान राशि और स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। आजतक साहित्य जागृति सर्वश्रेष्ठ रचना लेखक सम्मान डॉक्टर ज्ञान चतुर्वेदी को उनके उपन्यास 'स्वांग' के लिए दिया गया।

साहित्य जागृति सर्वश्रेष्ठ रचना लेखिका सम्मान की विजेता थीं, जानी-मानी उपन्यासकार, कहानीकार नासिरा शर्मा। यह सम्मान उनके उपन्यास 'अल्फा बीटा गामा' के लिए दिया गया। आजतक साहित्य जागृति भारतीय भाषा सम्मान तेलुगु रचनाकार डॉ. मधुरांतकम नरेंद्र को उनके उपन्यास 'मनोधर्मपरागम' के लिए दिया गया।

आजतक साहित्य जागृति लोकप्रिय लेखक सम्मान के विजेता थे, अमीश त्रिपाठी। उन्हें यह सम्मान रामचंद्र सीरीज के उनके उपन्यास 'द वार ऑफ लंका' के लिए दिया गया। इस सम्मान के तहत विजेताओं को 1-1 लाख रुपए की सम्मान राशि और स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। इस दौरान उदीयमान रचनाकारों को भी 3 श्रेणियों में यह सम्मान दिया गया।

'आजतक साहित्य जागृति भारतीय भाषा प्रतिभा सम्मान' तौसीफ़ बरेलवी को उनके उर्दू कहानी संग्रह 'ज़हन ज़ाद' के लिए, तो 'आजतक साहित्य जागृति उदीयमान लेखक सम्मान डॉक्टर किंशुक गुप्ता को उनके कहानी संग्रह 'ये दिल है कि चोर दरवाजा' के लिए दिया गया। इस श्रेणी में विजेताओं को 50,000- 50,000 रुपए की सम्मान राशि और स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।

आजतक साहित्य जागृति उदीयमान लेखिका सम्मान इस साल दो रचनाकारों को संयुक्त रूप से दिया गया। रश्मि भारद्वाज ने अपने उपन्यास 'वह साल बयालिस था' के लिए, तो अनुराधा बेनीवाल ने अपने यात्रा-संस्मरण 'लोग जो मुझमें रह गए' के लिए यह सम्मान जीता।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी विजेताओं को बधाई दी और कहा कि आपने अपनी कलम से, अपनी वाणी से साहित्यिक जीवन और अलग-अलग क्षेत्रों में काम किया है और आज पुरस्कार जीता है। आजतक के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद ने बताया कि 6 सदस्यीय ज्यूरी ने सर्वसम्माति से विजेताओं का चयन किया है। उनके अलावा सौरभ द्विवेदी, श्वेता सिंह, चंदन राय, राजकिशोर और संजीव पालीवाल शामिल थे।

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Created On :   27 Nov 2023 3:53 PM IST

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