हेल्थ टिप्स: क्या है एंडोमेट्रियोसिस बीमारी? जिससे अदा शर्मा के 48 दिनों तक चलते रहे पीरियड, शमिता ने भी झेला दर्द, जानिए ये कितनी खतरनाक
- क्या है एंडोमेट्रियोसिस बीमारी?
- जिससे अदा शर्मा के 48 दिनों तक चलते रहे पीरियड
- जानिए ये कितनी खतरनाक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस अदा शर्मा अपनी शानदार एक्टिंंग और खूबसूरती का लिए जानी जाती हैं। एक्ट्रेस की तमाम फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धामाल मचाती हैं और वे हर किरदार को बड़े ही बेहतरीन तरीके से निभाती हैं। द केरला स्टोरी की एक्ट्रेस ने हाल ही में बताया है कि फिल्म 'बस्तर' की शूटिंग के दौरान उनके पीरियड 48 दिनों तक चले थे। जबकि आम तौर पर महिलाओं के साथ ऐसा नहीं होता है। वे रोल के लिए फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन के कारण एंडोमेट्रियोसिस नाम की बीमारी का शिकार हो गई थीं। बॉलीवुड एक्ट्रेस ने शमिता शेट्टी ने हाल ही में अपनी अस्पताल से वीडियो साझा की थी। इस वीडियो में उन्होंने बताया कि वे एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित थी और इलाज के लिए अस्पताल में थीं। ये काफी खतरनाक बीमारी है। WHO के मुताबिक दुनिया भर में लगभग 19 करोड़ महिलाएं इसकी शिकार हैं। वहीं द एंडोमेट्रियोसिस सोसाइटी ऑफ इंडिया के अनुसार, भारत में तकरीबन 25 लाख महिलाओं को ये बीमारी है।
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क्या है एंडोमेट्रियोसिस ?
एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं को होने वाली समस्या है। इस स्थिति में गर्भाशय के अंदर बढ़ने वाला एंडोमेट्रियम टिशू इसके बाहर भी फैलने लगता है। कभी-कभी ये टिशू आंतों और दूसरे प्रजनन अंगों तक भी फैल जाता है। एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी गर्भाशय को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है।
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
- माहवारी और सेक्स के दौरान कमर के निचले हिस्से और पेट में दर्द होना
- पीरियड्स में ब्लीडिंग ज्यादा होना
- पेशाब के दौरान दर्द (खास तौर पर पीरियड्स के दौरान)
- माहवारी के दौरान थकान, दस्त, कब्ज होना
कई बार एंडोमेट्रियोसिस बीमारी में ज्यादा दर्द नहीं होता है। कुछ मामलों में तो महिलाओं में इस बीमारी के होने के कोई लक्षण भी दिखाई नहीं देते।
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एंडोमेट्रियोसिस में गर्भ धारण करना
स्टेज-1 और 2 की महिलाओं को ज्यादा इलाज की जरूरत नहीं होती है। वे साधारण रूप से गर्भ धारण कर सकती हैं। यदि एंडोमेट्रियम टिशू को सर्जरी करके अलग कर दिया जाए, तो गर्भावस्था की संभावना बढ़ जाती है। स्टेज-3 और 4 में पहुंचने के बाद रेगुलर ट्रीटमेंट जरूरी हो जाता है। और समय से इलाज ना मिलने पर बांझपन हो सकता है।
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Created On :   9 Jun 2024 11:37 AM IST