Dr. Sivaiya Potla: भारत में घुटना रिप्लेसमेंट उद्योग में Dr. Sivaiya Potla का प्रभाव
भारत में ऑर्थोपेडिक उद्योग, विशेष रूप से घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी में, पिछले दशक में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है और जीवनशैली में बदलाव आते हैं, अधिक लोग जोड़ों से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण घुटना प्रत्यारोपण की मांग में वृद्धि हुई है। देश में बुजुर्गों के बीच ऑर्थोपेडिक रोगों में लगातार वृद्धि हो रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 15-20% लोग घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित हैं, जो विकलांगता का प्रमुख कारण है। स्थिर जीवनशैली, मोटापा और आनुवांशिक प्रवृत्ति जैसे कारकों ने भी घुटना प्रत्यारोपण को सामान्य बना दिया है।
घुटना प्रत्यारोपण में तकनीकी प्रगति और अनुभवी सर्जनों की भूमिका
पहले, घुटना प्रत्यारोपण एक जटिल और महंगी प्रक्रिया थी। लेकिन रोबोटिक सर्जरी, न्यूनतम इनवेसिव तकनीक और उन्नत इम्प्लांट्स की उपलब्धता ने इसे अधिक सुरक्षित, सटीक और व्यापक जनसंख्या के लिए सुलभ बना दिया है। रोबोटिक सहायता से सर्जरी करने से सर्जन अधिक सटीकता से हड्डियों को काट सकते हैं और इम्प्लांट्स को सही स्थान पर स्थापित कर सकते हैं, जिससे जटिलताओं की संभावना कम होती है।
घुटना प्रत्यारोपण की सफलता में अनुभवी ऑर्थोपेडिक सर्जनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गुन्टूर, आंध्र प्रदेश के Dr. Sivaiah ऐसे ही एक प्रमुख सर्जन हैं। 17 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, उन्होंने क्षेत्र में कई जटिल घुटना प्रत्यारोपण सर्जरियों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। उनकी विशेषज्ञता और उन्नत तकनीकों के उपयोग से मरीजों में सर्जरी के प्रति विश्वास बढ़ा है।
ऑर्थोपेडिक उद्योग में आगे का मार्ग
भारत में घुटना प्रत्यारोपण उद्योग तकनीकी उन्नति और कुशल चिकित्सा पेशेवरों के सहयोग से आगे बढ़ रहा है। सुरक्षित, किफायती और प्रभावी घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी की बढ़ती उपलब्धता से मरीजों का विश्वास बढ़ा है। जैसे-जैसे अधिक मरीज इस सर्जरी का लाभ उठा रहे हैं, उद्योग की प्रगति देश की स्वास्थ्यसेवा क्षमताओं और ऑर्थोपेडिक उपचारों में बढ़ते विश्वास का प्रतीक है।
Created On :   2 Dec 2024 1:02 PM IST