Bangladesh Political Tension: वह तीन मुद्दे जिसके चलते मोहम्मद यूनुस की बढ़ रही टेंशन, सेना के दखल से कितनी बड़ी हो सकती है 'तबाही', समझें सबकुछ

वह तीन मुद्दे जिसके चलते मोहम्मद यूनुस की बढ़ रही टेंशन, सेना के दखल से कितनी बड़ी हो सकती है तबाही, समझें सबकुछ
  • बांग्लादेश में हो सकता है तख्तापलट
  • तीन मुद्दे जिसके चलते मोहम्मद यूनुस की बढ़ रही टेंशन
  • सेना की मीटिंग से तख्तापलट के आसार बढ़े

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश एक और तख्तापलट देखने वाला है। इस बात के संकेत बांग्लादेश की सेना दे रही है। लगातार राजधानी ढाका में हो रहे सेना की बैठकों ने तख्तापलट के अंदेशा को बढ़ा दिया है। सेना की मांग है कि जल्द बांग्लादेश में आम चुनाव कराए जाएं। ऐसे में समझने की कोशिश करते हैं कि क्या बांग्लादेश में एक बार फिर तख्तापलट हो सकता है? साथ ही, क्या वह मुद्दे हैं, जिसके चलते मोहम्मद यूनुस को दिक्कत हो सकता है?

ताजा घटनाक्रम के मुताबिक, सेना ने बांग्लादेश में जल्द आम चुनाव कराने की मांग की है। सेना की मनसा है कि जल्द देश में लोकतंत्र को बहाल हो। सेना जल्द से जल्द अपने बैरक्स में लौटना चाहती है।

राजनीतिक उथल-पुथल का अंदेशा

बांग्लादेश में इस वक्त मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार चल रही है। लेकिन, कुछ दिन पहले वहां अंतरिम सरकार में भी राजनीतिक अस्थिरता देखने को मिली थी। ऐसे में अंदेशा जताया जाने लगा है कि आने वाले समय में बड़ा बदलाव हो सकता है। इधर, सेना भी देश में अलर्ट मोड पर दिखाई दे रही है।

सेना की आपातकाल बैठक बढ़ा रही है टेंशन

गौरतलब है कि, सोमवार को सेना ने आपातकाल बैठक बुलाई थी। जिसमें सेना के 5 लेफ्टिनेंट, 8 मेजर जनरल, स्वतंत्र ब्रिगेड के कमांडिंग अधिकारी और सेना मुख्यालय के तीन प्रमुख अधिकारी शामिल हुए थे। सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश की जनता जल्द एक और तख्तापलट देखने वाली है। सेना मोहम्मद युनूस को हटाकर खुद सत्ता संभाल सकती है। यह सारी चर्चा ऐसे समय हो रही है, जब बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस चीन दौरे पर जाने वाले हैं।

छात्रों की लगातार बढ़ रही है नाराजगी

बता दें कि, पिछले साल पांच अगस्त को बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हो गया है। जिसमें छात्र आंदोलन की अहम भूमिका रही है। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस को छात्रों का समर्थन मिला। इसके बाद वह अंतरिम सरकार के प्रमुख बने। इसके बाद दावा किया गया था कि अगले कुछ महीनों बाद देश में आम चुनाव कराए जाएंगे। लेकिन आठ महीने बाद भी चुनाव नहीं कराया गया है। जिसके चलते छात्रों का गुस्सा भी फूट गया है।

Created On :   25 March 2025 6:03 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story