सुनीता की वापसी: स्पेस स्टेशन से वापस लौट रही हैं सुनीता विलियम्स, इतने समय अंतरिक्ष में रहने के बाद जानें कब और कैसे रखेंगी धरती पर अपने कदम?

- मस्क स्पेसक्राफ्ट हुआ सुनीता विलियम्स को लेने के लिए रवाना
- स्पेस स्टेशन को कहा सुनीता को अलविदा
- 19 मार्च को रखेंगी धरती पर अपने कदम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान ड्रैगन से भारतीय मूल की अमेरिकन अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की पृथ्वी पर वापसी का प्रोसेस शुरू हो गया है। आज (18 मार्च) को भारतीय समय के मुताबिक, 10 बजकर 35 मिनट पर स्पेसक्राफ्ट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से लाया जाएगा।
ड्रैगन का अनडॉकिंग क्या होता है?
ड्रैगन का अनडॉकिंग कई वजहों पर टिका होता है। इसमें यान और रिकवरी टीम पहले से ही तैयार रहती है। इसमें रिकवरी टीम की तैयारी, समुद्री स्थितियां, मौसम के अलावा और भी कई सारी चीजें शामिल होती हैं।
कब पहुंचे थे स्पेस?
बता दें, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने 5 जून 2024 को परीक्षण यान स्टारलाइनर से आईएसएस के लिए उड़ान भरी थी। जहां पर उनको आठ दिन बिताने थे और वापस धरती पर आना था। लेकिन कुछ तकनीकी खराबी के चलते उनकी वापसी नहीं हुई और खराबी के कारण वह अटक गईं।
एक ही यात्रा में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली तीसरी महिला
भारतीय समय के मुताबिक, 19 मार्च 2025 को उनकी वापसी होनी है। उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 286 दिन बिताए हैं। जिसके बाद वो एक ही यात्रा में सबसे ज्यादा दिन तक आईएसएस पर समय बिताने वाली तीसरी महिला बन गई हैं। सबसे ज्यादा समय बिताने वाली पहली महिला क्रिस्टीना कोच हैं, उन्होंने 328 दिन बिताए थे। वहीं, पिग्गी वीटस्न ने 289 दिनों के साथ ही दूसरे पायदान पर हैं। आईएसएस में एक बार में सबसे ज्यादा समय फ्रैंक रूबियो ने बिताया था, उन्होंने 371 दिन बिताए थे। जिसका मतलब है कि कुल मिलाकर सबसे ज्यादा दिन बिताने का रिकॉर्ड पिग्गी वीटस्न के पास है, उन्होंने कुल 675 दिन बिताए हैं।
रॉकेट में आई थी खराबी
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 16 मार्च 2025 को ही वापस आने वाले थे लेकिन 12 मार्च को ही ड्रैगन यान के रॉकेट में खराबी आ गई थी। नासा की तरफ से बताया गया है कि, अंतरिक्ष यान में रॉकेट लगे ग्राउंड सपोर्ट क्लैंप आर्म के हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी आ गई थी। इसके बाद ही नासा ने 14 मार्च को लॉन्च किया है। अगर मौसम ठीक रहा तो दोनों ही एस्ट्रोनॉट्स भारतीय समय के मुताबिक 19 मार्च की सुबह ही पृथ्वी पर लौट आएंगे।
लौटने में क्या थीं समस्याएं?
दोनों ही एस्ट्रोनॉट्स जून 2024 में स्टारलाइनर स्पेस क्राफ्ट की मदद से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे थे। जिसको बोइंग ने तैयार किया था। इसके बाद स्टारलाइनर में तकनीकी परेशानी आ गई थी। इसके बाद जब उड़ान के समय ये यान आईएसएस के पास पहुंचा तो उसमें खराबी आ गई। इसके अलावा स्टारलाइनर के पांच थ्रस्टर्स बंद हो गए थे। अंतरिक्ष में वैक्यूम होता है और ऐसे में थ्रस्टर्स यान को दिशा देने का काम करते हैं। इसके अलावा यान का हीलियम भी खत्म हो गया था, जिससे दोनों लोगों की वापसी में इतना लंबा समय लग गया।
नासा ने क्यों की इतनी देरी?
स्पेसक्राफ्ट में लगातार खराबियां आने से काफी ज्यादा परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा था। इस स्पेसक्राफ्ट में लॉन्चिंग के समय भी काफी ज्यादा परेशानियां देखने को मिल रही थीं। इसमें कई सारी ऐसी समस्याएं थी जिसकी वजह से वायुमंडल में प्रवेश करना खतरे से खाली नहीं होता। स्टारलाइनर से हीलियम भी लीक हो रही थी, जिससे हालात काफी ज्यादा खतरनाक होते जा रहे थे। इन सब वजहों के चलते नासा की तरफ से तय किया गया कि स्टारलाइनर की जगह एलन मस्क की एजेंसी के स्पेस एक्स को इस्तेमाल किया गया।
इतना सब होने के बाद भी बोइंग का कहना था कि उनका स्टारलाइनर बिल्कुल ठीक है और वो एस्ट्रोनॉट्स को आराम से ला सकता है।
Created On :   18 March 2025 2:31 PM IST