इजराइल-हमास युद्ध पर रणनीति: रूस निष्पक्ष दिखने की आड़ में दे रहा हमास का साथ, जानें क्या है पुतिन का प्लान?

रूस निष्पक्ष दिखने की आड़ में दे रहा हमास का साथ, जानें क्या है पुतिन का प्लान?
रूस निष्पक्ष दिखने की आड़ में दे रहा हमास का साथ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजराइल और हमास का भीषण युद्ध जारी है। इस युद्ध में अबतक 9000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। गाजा पट्टी से आतंकियो को एयरस्ट्राइक से ढ़ेर कर रही इजराइली सेना अब जमीनी हमले पर उतर आई है। संयुक्त राष्ट्र समेत दुनियाभर के कई देशों ने इस भयंकर युद्ध को रोकने की मांग भी की है। इस बीच इजराइल-हमास युद्ध में निष्पक्ष दिखने की आड़ में अब रूस खुलकर इजराइल के विरोध उतर आया है। क्योंकि, हाल ही में उसने गाजा पट्टी पर इजराइल के हमलों को रोकने की मांग की थी। इसके अलावा हमास पर रूस का रूझान संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी एक प्रस्ताव में भी देखा गया था। जिसमें उसने इजराइल का विरोध किया था। रूस के ऐसा करने पर विश्व के कई राजनीतिक विशेषज्ञों के बीच चर्चाएं तेज हो गई है। उनका मानना है कि रूस के ऐसा करने का मकसद यूक्रेन संघर्ष से पश्चिमी देशों के खिलाफ मिलने वाला एक ब्लॉक में घूसने का रास्ता हो सकता है। बता दें, रूस के अलावा इजराइल के हमलों का विरोध तुर्की और ईरान ने भी किया है।

पुतिन ने जारी संघर्ष को द्वितीय विश्व युद्ध से जोड़ा

रूस और ईरान के एक साथ विरोध करने का कारण रूस और यूक्रेन के युद्ध से जुड़ा हुआ है। दरअसल, जब रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष जारी था। तब ईरान ने रूस का साथ दिया था और यूक्रेन के खिलाफ ड्रोन और हथियार की सप्लाई की थी। ईरान की बात करें तो वह हमास और हिजबुल्लाह का हमेशा से ही शुभचिंतक रहा है। इसलिए वह हमास को सपोर्ट करने के लिए रूस के साथ आगे आया है। इस बीच खबरें हैं कि ईरान ने इस युद्ध में उतरने तक का ऐलान कर दिया है। ऐसे में रूस को ऐसा प्रतीत होने लगा है कि इस युद्ध से दुनिया दो हिस्सों में बंट गई है। ऐसे में रूस इस मौके को ढाल बनाकर युक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहता है। इधर, रूस ने इजराइल को गाजा पट्टी को सीज ना करने की धमकी भी दी है। यहां तक कि ऐसा करने पर इस वाकया की तुलना दूसरे विश्व युद्ध से भी की है। रूस का कहना है कि ऐसा करना नाजी जमर्नी की तरफ से लेनिनग्राद को सीज करने की तरह होगा।

रूस की रणनीति

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी जंग को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि जरूरत पड़ी तो रूस इस युद्ध में मध्यस्थ के लिहाज से उतर सकता है। पुतिन ने कहा कि ऐसा करने पर किसी को भी हम पर संदेह नहीं होगा। क्योंकि, सब रूस पर विश्वास करते हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में युद्ध को लेकर रूस ने एक प्रस्ताव जारी किया था। इस प्रस्ताव में रूस ने युद्ध में हुई नागरिकों की हत्या की आलोचना की थी। हालांकि, इस दौरान हमास को लेकर कोई भी बात नहीं कहीं गई थी। इस प्रस्ताव ने रूस पर कई तरह के सवाल भी उठ़े थे। लेकिन चीन ने रूस के प्रस्ताव को सपोर्ट किया था । माना जा रहा है कि रूस ने इस प्रस्ताव के जरिए युद्ध को अपने पाले में ध्रुवीकरण के लिहाज से प्रयोग किया है।

चीन से लेकर अरब देश ,बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे ज्यादा आबादी वाले मुस्लिम देश एक साथ खड़े हैं। रूस को अब ऐसा लगने लगा है कि वह 50 से ज्यादा एकजुट देशों में अपनी पकड़ बना सकता है। माना जा रहा है कि शायद इसलिए भी रूस इजराइल के खिलाफ खुलकर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है। लेकिन, रूस फिलिस्तीन के पक्ष में अपनी बात रख रहा है। इस स्थिति को ऐसे भी समझा जा सकता है कि जब हाल ही के दिनों में ऋषि सुनक, जो बाइडेन और ओलाफ शोल्ज इजराइल पहुंचे थे। लेकिन, इस दौरान इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 9 दिनों के पश्चात फोन पर ही बातचीत की थी।

Created On :   30 Oct 2023 10:43 PM IST

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